(Pi bureau)
मुंबई : बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दिकी आज अपना 45वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनका जन्म यूपी के जिला मुज़फ्फरनगर में हुआ था. नवाज़ का बॉलीवुड करियर साल 1999 में फिल्म सरफरोश से शुरू हुआ था, इस बात की जानकारी शायद ही आपको होगी. नवाज़ की इस शुरुआत के बारे में किसी को खबर तक नहीं हुई. साल 2012 तक नवाज ने कई छोटी-बड़ी फिल्मों में रोल किए, मगर उन्हें कोई खास पहचान नहीं मिली. फिल्म की कास्टिंग से बाहर उनके नाम का कोई शोर नहीं हुआ. फिर अनुराग कश्यप ने उन्हें फैजल बनाकर गैंग्स ऑफ वासेपुर में पेश किया और जैसे नवाज ने अपने संघर्ष भरे हर साल का बदला ले लिया. उनके इस एक रोल ने उन्हें घर-घर में पॉपुलर बना दिया. ऐसा लगा, जैसे कोई नया अभिनेता आया है. मगर सच ये था कि लंबे समय से नवाज इस एक पहचान दिलाने वाले रोल के लिए संघर्ष कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने केमिस्ट की दुकान में नौकरी करने से लेकर वॉचमैन बनना तक मंजूर किया. अब जब वह इंडस्ट्री के टॉप एक्टर्स में शुमार हो चुके हैं, तो लोग ये सोचकर भी हैरान होते हैं कि आखिर नवाज अपने हर रोल में इतनी खूबसूरती से कैसे ढल जाते हैं?
ज्यादातर अभिनेता ऐसा करने के लिए खुद को कई दिन तक कमरे में बंद रखते हैं. परिवार से दूर चले जाते हैं. उसी किरदार में 24 घंटे रहने की कोशिश करते हैं. नवाज के साथ मसला अलग है. वह किरदार पढ़ते हैं और उसमें उतर जाते हैं. ये पूरी प्रक्रिया इतनी अदृश्य रहती है जैसे हवा का चलना.
फिर इन किरदारों से बाहर निकलना भी अपने आप में एक अलग परेशानी का सबब बन जाता है. नवाज खुद अपने फेसबुक प्रोफाइल पर टाइमलाइन में ऐसी ही एक तस्वीर शेयर करते हुए ये बता रहे हैं कि एक ही साल में दो किरदारों को जीना बहुत मुश्किल होता है और फिर उनसे अलग होना उससे भी ज्यादा कठिन.
हालांकि जब उनसे इस बारे में पूछा गया था, तो उन्होंने कहा था , मैंअपने गांव लौट जाता हूं और वहां जाकर अपने खेतों की देखभाल करता हूं और कुछ दिन खेती करते हुए बिताता हूं.’ नवाजुद्दीन के मुताबिक ऐसा करके उनके मन को काफी शांति मिलती है और फिर वो नए किरदार की तैयारी में डूब जाते हैं.