(Pi Bureau) पीलीभीत। उत्तर प्रदेश में ठेले पर लादकर शव ले जाने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस तरह की घटनाआें से न केवल मानवता शर्मसार हाे रही है बल्कि देश की भी छवि काे खराब कर रही हैं। ताजा मामला पीलीभीत के नगर कोतवाली इलाके से सामने आया है। जहां पोस्टमार्टम हाउस से शव गाड़ी न मिलने से बेबस भाई काे अपने मृतक भाई की लाश काे ठेले पर लादकर ले जाना पड़ा।
डॉक्टरों ने नहीं सुनी फरियाद
पीड़ित पोस्टमार्टम हाउस पर काफी समय तक शव वाहन के लिये चक्कर काटता रहा लेकिन वाहन नहीं मिला। पीएम हाउस पर मौजूद डॉक्टरों से भी उसने शव वाहन के लिए अपील की लेकिन वहां भी उसकी किसी ने एक न सुनी। मदद न मिलने से निराश पीड़ित शव काे ठेले पर लादकर चल पड़ा। शव पीलीभीत के मुख्य मार्गो से होता हुआ शमशान भूमि तक पहुंचा लेकिन किसी भी अधिकारी ने इसकी सुध नही ली। बता दें कि मृतक लौकिराम जिला बरेली के सेथल का रहने वाला था। मृतक का शव दो दिन पूर्व पीलीभीत रोडवेज के पास से बरामद हुआ था। आरोप है कि पोस्टमार्टम के बाद शव वाहन के ड्राइवर ने उससे 500 रुपये की मांग की। मजबूर पीड़ित के पास 5 सौ रुपये न होने की वजह से शव को खुद ठेले पर ले जाना पड़ा।
CMS डा. रतनपाल का शर्मनाक बयान
इस पूरे मामले में सीएमएस डा. रतनपाल सिंह ने शर्मनाक बयान देते हुए कहा कि पोस्टमार्टम के बाद वाहन दिलाने की जिम्मेदारी उनकी नही है और उसने शव वाहन के लिये कहा भी नहीं होगा।
क्या कहते हैं मुख्य चिकित्साधिकारी?
वहीं इस पूरे मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी डा. ओपी सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी होने के बाद वो तत्काल पीएम हाउस पहुचे और लापरवाही पाए जाने के बाद वहाँ पर मौजूद टीम की फटकार लगाते हुए दोबारा इस तरह के कार्य न होने की चेतावनी दी। फिलहाल इस घटना के वाद विभाग व इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।