(Pi Bureau) वाराणसी। धर्म नगरी वाराणसी में इंसानियत को तार-तार करने का मामला बुधवार को सामने आया है। एक युवक ने अपनी मां की मौत के बाद चालीस हजार रूपये पेंशन की लालच में शव का अंतिम संस्कार न कर उसे पांच माह से घर में छिपा कर रखा था। पिछले चार महीने से वह पेंशन भी ले रहा था। पुलिस ने युवक को हिरासत में लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। घटना भेलूपुर थाना क्षेत्र के कबीरनगर कालोनी में हुई।
दुर्गाकुंड स्थित कबीर नगर कालोनी सोनिका पार्क के निकट कस्टम विभाग में सुपरिटेंडेंट रहे स्व.दयाशंकर का मकान है। दयाशंकर के निधन के बाद उनकी पत्नी 70 वर्षीया अमरावती देवी को 40 हजार रूपये पेंशन मिल रही थी। अमरावती के पांच पुत्रों और एक पुत्री में रवि प्रकाश अपनी पत्नी-बच्चों और मां के साथ रह रहा था। बाकि चार शहर के बाहर रहते हैं। बीते 13 जनवरी को अमरावती की मौत हो गई। भाईयों को सूचना नहीं देने के साथ रवि ने मां के पार्थिव शव का अन्तिम संस्कार भी न कर शव को घर के कमरे में छुपा दिया।
रवि शव के ऊपर कुछ लेप लगाकर अंगूठा लगवा कर आराम से पिछले चार माह से मां का पेंशन उठा रहा था। महिला को गायब देख पड़ोसियों को शंका हुई तो उन्होंने आज तत्काल पुलिस को सूचित किया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने बंद दरवाजे के बाहर लगी कुंडी खोली तो अंदर का खौफनाक दृश्य देख हैरान रह गई। कमरे में एक महिला का सड़ा गला कंकाल नुमा शव पड़ा था। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
इस सम्बन्ध में भेलूपुर सीओ अयोध्या प्रसाद ने बताया कि अमरावती देवी की मौत बीती 13 जनवरी को हुई थी। उनकी पेंशन करीब 40 हजार रुपए के आसपास थी। हालांकि अभी इस बात की जांच की जा रही है। धर्म नगरी में यह अपने तरह की पहली घटना है। इसके पहले पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक लालची युवक ने पेंशन लेने के लिए अपनी मां की लाश को तीन साल तक फ्रीजर में सुरक्षित रखा था। महिला को हर महीने 50 हजार रुपये पेंशन के मिलते थे। युवक ने शव सड़े-गले नहीं इसके लिए उस पर केमिकल एम्बामिंग यानी लेप भी किया था। कलयुगी बेटा हर महीने मां के अंगूठे के निशान लेता था और पेंशन निकाल लेता था। अब काशी में भी इस तरह की घटना को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है।