2G स्पेक्ट्रम घोटाला : राजा, कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को नोटिस

(Pi Bureau) नई दिल्ली । टू-जी घोटाला मामले में ए राजा औऱ कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देनेवाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है।

कोर्ट ने सभी आरोपियों को 10 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है और 6 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2017 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सरकारी वकील आरोप साबित नहीं कर पाए। जज ओपी सैनी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन-देन हुआ है।

इस मामले में ए राजा और कनिमोझी के अलावा जो आरोपी थे उनमें शाहिद बलवा, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी, पी अमृतम, एमके दयालु अम्मल और शरद कुमार शामिल थे।

प्रवर्तन निदेशालय ने जिन नौ कंपनियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था उनमें कलैगनार टीवी, एसटीपीएल( अब एतिसलात डीबी टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, कुसेगांव रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, सिनेयुग मीडिया एंड एंटरटेंमेंट प्राइवेट लिमिटेड, डायनामिक्स रियल्टी, एवरस्माइल कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, कॉनवुड कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड, डीबी रियल्टी लिमिटेड और मिस्टिकल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड शामिल है।

अपने फैसले में जज ओपी सैनी ने कहा था कि मनी लाउंड्रिंग के तीन मुख्य तत्व हैं-पहला, कानून की नजर में अपराध। दूसरा, अपराध से हासिल संपत्ति और तीसरा, अपराध से हासिल इस संपत्ति को बेदाग संपत्ति बताना। जज ओपी सैनी ने बताया कि अपराध से हासिल संपत्ति मनी लाउंड्रिंग के अपराध का मुख्य तत्व है। इसके बिना मनी लाउंड्रिंग के तहत अपराध किया हुआ नहीं माना जा सकता है।

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