(Pi Bureau)
वॉशिंगटन। अमरीका-भारत के खास रिश्तों का असर उस समय देखने को मिला जब ट्रंप प्रशासन ने आज 31 मई को भारत को नया तोहफा देते हुए अमरीका प्रशांत कमान का नाम बदल कर अमरीका हिंद-प्रशांत कमान कर दिया ।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद गठित अमरीका प्रशांत कमान या पीएसीओएम को अब से हिन्द-प्रशांत कमान के नाम से जाना जाएगा। यह कदम अमरीकी रणनीतिक सोच में हिंद महासागर के बढ़ते महत्व को भी दर्शाता है।
बता दें कि सत्ता में आने के तुरंत बाद ट्रंप प्रशासन ने एशिया प्रशांत का नाम बदल कर भारत-प्रशांत कर दिया था और क्षेत्र में भारत को एक विशिष्ट दर्जा दिया था।
अमरीका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने ज्वॉइंट बेस पर्ल हार्बर में चेंज ऑफ गार्ड सेरेमनी के दौरान इस आशय की घोषणा की। कार्यक्रम के दौरान एडमिरल फिल डेविडसन ने अमरीका हिंद-प्रशांत कमान या हिंद पीएसीओएम के कमांडर के रूप में हैरी हैरिस का स्थान लिया।
इससे पहले अमरीका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा था कि प्रशांत देशों के साथ सहयोग करने के लिए अमरीका और अधिक प्रयास कर रहा है। अमरीका ने दुनिया के सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय समुद्री युद्ध अभ्यास में भाग लेने के लिए चीन को जो निमंत्रण दिया था, उसे वापस ले लिया। इसके बाद मैटिस ने यह टिप्पणी की है।