मिशन हसीना- चौतरफा घिरा पकिस्तान, हुआ मंसूबो का खुलासा, मोदी की रणनीतिक पहल हुयी कामयाब !!!

Ashish Awasthi

(Pi Bureau)

 

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बेगम शेख हसीना सात साल बाद भारत के दौरे पर है. पिछली बार शेख़ हसीना 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में आई थी. भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश एक दुसरे के प्राकर्तिक मित्रो में से है. बांग्लादेश के बनने में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी और बांग्लादेश लिबरेशन मूवमेंट के नेता शेख़ मुजीबुररहमान “बंगबंधू “ का अहम् योगदान था. बंगबंधु दो बार बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे. शेख़ मुजीबुर रहमान की ही बेटी है शेख़ हसीना. शेख़ हसीना के पिता श्री को बाद में बंगला देश की मिलिट्री ने विद्रोह करते हुये पुरे परिवार को गोलियों से उड़ा दिया था, हसीना इस लिए बच गयी थी क्यों कि वो उस समय पढाई के लिए विदेश में थी.

उस वक़्त की सेना पर कठमुल्लों धार्मिक बुनियादपरस्तो और नार्थ इंडियन मुस्लिम्स का विशेष सहयोग प्राप्त था. इन नार्थ इडियन मुस्लिम्स को वहां “ रजाकार “ कहा जाता था.यह नार्थ इंडियन मुस्लिम वो थे जो एक दौर में बिहार से बांग्लादेश शिफ्ट किये थे. यह ज्यादातर मुक्ति युद्ध के खिलाफ थे और पकिस्तान की सेना के लिए मुखबरी करते थे और युद्ध में पकिस्तान की सेना के साथ मिलकर लूटपाट और बलात्कार करते थे. यह याहिया खां के वाददारो में से थे और भारत के खिलाफ थे. वहीँ दूसरी तरफ शेख़ मुजीबुर्र रहमान भारत के साथ थे और इंदिरा गाँधी सहित जेपी आदि के करीब थे. बांग्लादेश युद्ध में जिस तरह भारत की सेना ने पकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देते हुये बंगलदेश को स्वतंत्र कराया था उसके चलते बंगलादेश के अंदर जो प्रगतिशील तकते थी वोह भारत को अपना प्राकर्तिक दोस्त समझती थी.

शेख़ हसीना की भारत की दोस्ती की मुख्य वजह है कि दोनों ही मुल्क एक तरह की आतंकवाद और धार्मिक कट्टरता से जूझ रहे है जिनको पकिस्तान प्राश्रय देता रहा है. अभी हाल में ही शेख़ हसीना ने 4-5 लोगो को फांसी पर लटकाया है . यह वही लोग है जिन्होंने उस दौर में मुक्ति युद्ध का विरोध किया था और आज तक उस मुक्ति युद्ध को स्वीकृति नहीं थी.

अगर पिछले कुछ सालो का बंगलादेश का सियासी ताना बाना देखे तो उस दौर में मुक्ति युद्ध का विरोध करने वाली ताकते- उत्तर भारत से जा के बसे मुसलमान , वहाबी मूल्ला और पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी और तालिबान से संपर्क रखने वाले मुसलमान एन एक गठजोड़ बना के एक राजनैतिक दल बना लिया है जो पिछले चुनाव में मुख्य विपक्षी दल की नेता खालिदा जिया के साथ मिलकर चुनाव लड़े थे. इस दौरान उनकी सियासी ताकत काफी बढ़ी है . जिसका सीधा असर हाल में हुयी ब्लॉगरस और प्रगतिशील युवको के दल जो इस बुनियादपरस्ती का विरोध रहे थे- किताबे , रिसाले , और स्टडी सर्किल आदि लगा के, उनकी सरेआम निर्मम हत्या की गयी , जो पूरी दुनिया की मीडिया की सुर्खियाँ भी रहा .

 

“ मिशन हसीना “ उसी सियासी जमीन का प्रतिफलन है- दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है. भारत भी उसी तरह के आतंकवाद और अकलियत धार्मिक कट्टरता जिसको पकिस्तान प्राश्रय देता है से बांग्लादेश भी पीड़ित है. इसी के चलते शेख़ हसीना ने भारत दौरे पर आते ही एक संयुक्त ब्यान देकर आतंकवाद के मुद्दे पर पकिस्तान को चौतरफा घेरा.  दोनों नेताओ ने आतंकवाद के खिलाफ पकिस्तान की नीति की जम कर आलोचना की. शिखर बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी और हसीना ने पकिस्तान का नाम लिए बैगैर कहा , दक्षिण एशिया में एक सोच है जो आतंकवाद का पोषण करने के साथ साथ उसे प्रेरित और प्रोत्साहित कर रही है. इस सोच की प्राथमिकता मानवता नहीं बल्कि कट्टरपंथ और आतंकवाद है . प्रधानमंत्री हसीना ने यह भी कहा कि आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, दोनों देश इस सोच और आतंकवाद के खिलाफ लड़ेंगे.

इसी के चलते दोनों नेताओ ने कल 22 महत्वपूर्ण समझौतों पर सहमती बनाते हुये दस्तखत किये, जिन अहम क्षेत्र पर समझौते हुये उनमे रक्षा, असैन्य, परमाण सहयोग और साइबर सुरक्षा जैसे अहम मुद्दे शामिल है . इसमें भारत द्वारा बांग्लादेश को करीब 29 हज़ार करोड़ का ऋण दिया जाना भी शामिल है. भारत बांग्लादेश को 50 करोड़ डॉलर का ऋण रक्षा खरीद के लिए देगा. इसके साथ ही डिफेंस सर्विसेस स्टाफ कालेज नीलगिरी और डिफेंस सर्विसेस कमांड एंड स्टाफ कालेज मीरपुर (बांग्लादेश) के बीच हुये समझौते के तहत दोनों संस्थान रणनीतिक और सैन्य परिचालन अध्ययन में सहयोग करेंगे.

साइबर सुरक्षा : इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पोंस टीम और बांग्लादेश गवर्नमेंट कंप्यूटर इंसिडेंट पेस्पोंस टीम के बीच साइबर सुरक्षा के मामले में सहयोग पर सहमति बनी . इससे दोनों देश भारत और बांग्लादेश साइबर सुरक्षा से जुड़े मामले मिलकर निपटायेंगे.

उर्जा  क्षेत्र में : भारत परमाण उर्जा नियामक बोर्ड (एइआरबी) और बांग्लादेश परमाण नियामक प्राधिकरण के बीच सूचना के आदान प्रदान करने और परमाण सुरक्षा के नियमन एवं विकिरण सुरक्षा में सहयोग को लेके करार हुआ. इसके अतिरिक्त भारत के ग्लोबल सेण्टर फॉर न्यूकिलियर एनर्जी पार्टनरशिप व बांग्लादेश एटॉमिक कमीशन के बीच बांग्लादेश में परमाण उर्जा संयंत्र स्थापित करने की परियोजना में सहयोग का समझौता भी हुआ.

इसके अतिरिक्त दोनों देश के नागरिको के आवागमन को लेकर काम शुरू हुआ . कोलकत्ता- खुलना –ढाका के बीच सेवा का परिक्षण शुरू हुआ, इस रूट पर बस सेवा जून से शुरू होनी है. 13 घंटे में बस 409 किमी की यात्रा करके ढाका पहुंचेंगी. इस दौरान शेख़ हसीना और मोदी ने एक पैसेंजेर ट्रेन का ट्रायल रन का शुभारम्भ किया. यह ट्रेन बांग्लादेश के खुलना शाहर तक जाएगी.

दोनों देशो के नागरिको के बीच आपसी सौहार्द को बढ़ने के लिए द्विपक्षीय बैठक में शेख़ मुजीबुर्र रहमान के लेखो का संकलन का भी विमोचन हुआ, इस दौरान मोदी ने नई दिल्ली की एक सड़क का का नामकरण ‘बंगबंधु शेख़ मुजीबुर्र रहमान ‘ रोड किया. प्रधानमंत्री मोदी ने मुक्तियोध्या छात्रवृति योजना के तहत अगले 5 साल में दस हज़ार अतिरिक्त बच्चो को वजीफा देने की भी घोषणा की, उन्होंने मुक्तियोद्धा के परिजनों को भारत में मुफ्त इलाज की सुविधा देने का भी एलान किया.

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