(Pi Bureau)
पटना : बिहार के सियासी पारे ने उस वक़्त बहुत तेजी से उछाल लिया जब भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने लालू यादव और उनके बेटों पर मॉल की मिटटी बिना किसी टेंडर के अपने विभाग को 90 लाख में बेंच दी । इस पूरे प्रकरण के बाद भाजपा जहाँ सत्तारुण गटबंधन पर हमलावार है तो वही नितीश के नेतृत्व वाला महागटबंधन थोडा कमजोर दिखता नज़र आ रहा है । मौजूदा प्रकरण पर जहाँ भाजपा इसको खुल के भुनाने में लगी और इसी घोटाले को लेकर 19 के लोकसभा चुनावो की तैयारी के मद्देनज़र से देख रही है । हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद के परिवार पर लगे मिट्टी घोटाले के आरोप पर जांच कमेटी बैठाने की तुरंत घोषणा कर इस विवाद को समाप्त करने की कोशिश की है पर लालू प्रसाद और सुशील कुमार मोदी के बीच जुबानी जंग से मामला थमता नज़र नहीं आ रहा है ।
बिहार से मिल रहे इनपुट्स के मुताबिक नीतीश कुमार ने अपने नेताओं को इस प्रकरण पर कुछ भी बोलने से मना किया है। वहीं वह लालू प्रसाद द्वारा मामले को तूल दिए जाने से भी खासा नाराज हैं। तो दूसरी तरफ, लालू प्रसाद के करीबियों का तर्क है कि अगर वह चुप हो गये तो फिर उन्हें कमजोर करने की कोशिश होगी। आरजेडी सूत्रों के अनुसार इस मामले में लालू प्रसाद पूरी आक्रामकता से अपना बचाव करते रहेंगे और किसी दबाव में नहीं आयेंगे । इस मामले में नितीश अपनी और सरकार की छवि को लेकर भी चिंतित नज़र दीखते है ।
वहीं भाजपा इस घोटाले को राजनैतिक रूप से भुनाने के चक्कर में है । बिहार भाजपा इसको लेकर पटना से लेकर दिल्ली तक उठाने की तैयारी में है ।BJP के रणनीतिकारों का मानना है कि 2019 से पहले नीतीश और लालू के बीच असहज स्थिति पैदा करने का यह बड़ा मौका है। वह 2019 के लोकसभा चुनावो के मद्देनज़र इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा कर गटबंधन में दरार डालने का काम करना चाह रही है । इसी के चलते नितीश पर भी दबाब बनाएगी, अगर नितीश लालू का साथ देते है तो उनकी व सरकार की छवि पर असर पड़ेगा और अगर नितीश आक्रामक ढंग से जांच करवाते है तो गटबंधन टूटने का खतरा रहेगा । दोनों स्थितियों में भाजपा को फ़ायेदा मिलेगा
पूरा मामला मिट्टी की खरीद को लेकर है। BJP के सीनियर नेता सुशील कुमार मोदी ने आराेप लगाया कि लाूल प्रसाद के बेटे तेजप्रताप यादव ने आपने मॉल की मिट्टी को बिना टेंडर के अपने ही विभाग को 90 लाख रुपये में बेच दिया। उनका दावा है कि डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड में तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव और चंदा यादव को 20 जून 2014 को डायरेक्टर बनाया गया था। इस कंपनी को 2 एकड़ जमीन ट्रांसफर की गई। इसी जमीन पर बिहार में एक बड़ा शापिंग मॉल बन रहा है। लालू प्रसाद ने माना कि यह उनकी संपत्ति है लेकिन उनका दावा है कि इसकी पूरी जानकारी अपने इनकम टैक्स रिटर्न में दे चुके हैं।