वार्षिक अमरनाथ यात्रा को लेकर 40 हजार जवान किए गए तैनात, आतंकी हमले का खतरा

(Pi Bureau)
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 28 जून से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा व्यवस्था की गुरुवार को समीक्षा की। सिंह ने समीक्षा बैठक में अमरनाथ यात्रा के विभिन्न मार्गों पर सुरक्षा बलों की तैनाती पर चर्चा की गई।

उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था में शामिल सभी पक्षों को सुरक्षा के बहुस्तरीय पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए। गृहमंत्री के साथ इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख एस.पी. वैद्य ने हिस्सा लिया।

बाद में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी बैठक में शामिल हुए। सिंह को यात्रियों के लिए अन्य सुविधाओं जैसे पेयजल, विश्राम शिविरों और स्वास्थ्य संबंधी सेवा के बारे में जानकारी दी गई।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

यात्रा पर उपग्रहों के जरिये नजर रखी जाएगी।
यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर जैमर और सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं।
बख्तरबंद बंकरों की स्थापना की गई है।
डाग स्क्वायड और द्रुत कार्रवाई दल की तैनाती आदि जैसे कदम उठाए जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्ध सैनिक बलों के लगभग 40 हजार जवानों को यात्रा मार्ग पर करीब दो महीने तक तैनात रखा जाएगा।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष अमरनाथ यात्रियों की बस पर हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर अधिकारियों ने बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की योजना बनाई है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 10 जुलाई को अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों की बस पर हुए आतंकवादी हमले में नौ यात्रियों की मौत हो गई थी और 19 अन्य घायल हो गए थे।

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