नई दिल्ली। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने वर्ष 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 10 टिलियन डॉलर (मौजूदा डॉलर भाव के हिसाब से करीब 670 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच जाने की उम्मीद जताई है। शनिवार को उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ‘टेक ऑफ’ के चरण में है और वर्ष 2030 तक 10 टिलियन डॉलर के आकार के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने को तैयार है।
गर्ग के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था में कई सकारात्मक चीजें हो रही हैं और आर्थिक मोर्चे पर देश बेहतर दिनों की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था उड़ान भरने को तैयार है और भारतीय नागरिक सही मायनों में सिर ऊंचा कर सकते हैं।’ इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के प्लेटिनम जुबिली समारोह में गर्ग ने कहा, ‘आजादी के बाद चार दशकों तक देश की अर्थव्यवस्था बमुश्किल 3.5 फीसद विकास दर से बढ़ी थी। लेकिन आज हमारा पैमाना सात से आठ फीसद विकास दर का है। वर्ष 2030 तक हम 10 टिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकते हैं। यह हमारे लिए चुनौती भी है और अवसर भी।’
आर्थिक मामलों के सचिव का कहना था कि आठ फीसद की विकास दर हासिल करना मुश्किल लक्ष्य नहीं है। अगर हम यह विकास दर बनाए रखने में कामयाब रहे तो वर्ष 2030 तक हम 10 टिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएंगे, जो आकार के हिसाब से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि वर्ष 2022 तक भारतीय डिजिटल इकोनॉमी का आकार एक टिलियन डॉलर का हो जाएगा, जबकि वर्ष 2030 तक पूरी अर्थव्यवस्था में डिजिटल इकोनॉमी की हिस्सेदारी करीब आधी होगी। गौरतलब है कि विश्व बैंक ने अपने आंकड़ों में कहा है कि पिछले वर्ष फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए भारत 2.59 टिलियन डॉलर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।