सोमवार से मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई शहरों को दूध की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। इसकी वजह 16 जुलाई से किसान द्वारा दूध आंदोलन करना है।
डेयरी किसानों ने धमकी दी है कि वह दूध की सप्लाई रोक देंगे। यह आंदोलन राज्य सरकार द्वारा दूध की कीमत प्रति लीटर 27 रुपए ना करने की घोषणा पूरी ना होने के विरोध में यह करने की आंदोलन किया जा रहा है।
किसानों के संगठन स्वाभिमान शेतकारी संगटना (एसएसएस) ने घोषणा की है कि डेयरी किसान आधी रात से सड़कों पर उतरेंगे और मुंबई, पुणे और नासिक जिलों में दूध ले जाने वाले टैंकरों को हाईवे पर रोक देंगे। मुंबई-गुजरात नेशनल हाईवे जहां से बड़ौदा, सूरत और दूसरे शहरों में दूध लाया जाता है उन्हें भी ब्लॉक कर दिया जाएगा।
एसएसएस का नेतृत्व करने वाले सांसद राजू शेट्टी के अनुसार यह हड़ताल अनिश्चितकाल के लिए है और इसे तभी खत्म किया जाएगा जब महाराष्ट्र सरकार डेयरी किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करेगी। शनिवार को शेट्टी के संगठन को बहुत से किसानों से समर्थन मिला। जिसमें ऑल इंडिया किसान सभा शामिल है जिसने दूध हड़ताल को अपना समर्थन दिया है।
शेट्टी का कहना है कि वह पालघर में मुंबई-गुजरात हाईवे को ब्लॉक करने का नेतृत्व करेंगे। उन्होने कहा, ‘आज बोतलबंद पानी 20 रुपए प्रति लीटर मिलता है लेकिन किसान को एक लीटर दूध पर 17 रुपए मिलते हैं। उन्होंने कहा है कि प्रति लीटर दूध की कीमत 42 रुपए होनी चाहिए। किसानों को ग्राहकों द्वारा दूध के लिए दी गई राशि का आधा भी नहीं मिलता है।’
आर शेट्टी ने कहा, ‘सरकार का कहना है कि दूध दूसरे राज्यों खासतौर से गुजरात और कर्नाटक से लाया जाता है। हम सत्याग्रह शुरू करेंगे और इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि बाहर से कोई दूध ना लाया जाए। हमारा प्रदर्शन रोकने के लिए यह सरकार की रणनीति है।’ महाराष्ट्र के किसान इस हड़ताल से जुड़ गए हैं। जिसके बाद देवेंद्र फणनवीस की सरकार का कहना है कि वह मुंबई की जरुरतों को पूरा करने के लिए गुजरात से दूध लाएगी।
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भी हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। किसानों की मांग हो कि सरकार प्रति लीटर दूध की कीमत 27 रुपए कर दे। हालांकि महाराष्ट्र की डेयरी का कहना है कि उसके पास मुंबई की जरुरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त मात्रा में दूध मौजूद है।