सियासी गहमागहमी के बीच कांग्रेस के प्रदेश संगठन में बदलाव की सूची करीब-करीब तैयार है। इसी सप्ताह में इसकी घोषणा भी हो सकती है। सूची में बहुत से नए चेहरों को मौका मिलेगा तो कुछ पुराने तथा चिर परिचित नेताओं को झटका लगना भी तय है। ‘नेताजी’ की नियुक्ति में उनकी कार्यक्षमता के साथ-साथ इस बार उम्र को भी तवज्जो दी जाएगी।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस के 14 जिलाध्यक्षों और 280 ब्लॉक अध्यक्षों के नामों की घोषणा कभी भी हो सकती है। हालांकि पूर्व कार्यकारिणी गत अक्टूबर माह में ही भंग कर दी गई थी, लेकिन विभिन्न राजनीतिक कारणों से नए लोगों का चयन अभी तक लटकता रहा। अब जबकि लोकसभा चुनाव 2019 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है तो इसे जल्द ही घोषित करने की तैयारी जोरों पर है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस इस बार नए चेहरों पर भी दांव लगाना चाह रही है। इसके पीछे सीधा मुकाबला आम आदमी पार्टी (AAP) से होना भी है। AAP ने भी जिला स्तर पर युवाओं को ही प्राथमिकता दी है। नई सूची में कोई भी पदाधिकारी 52 वर्ष से अधिक उम्र का नहीं होगा। उम्र का औसत पैमाना 50 से 52 का रखा गया है।
कुछ पुराने नेताओं, जिनको पार्टी भी पिटा मोहरा मानकर चल रही है, उन्हें साइडलाइन किया जाएगा। हालांकि पार्टी के पुराने कद्दावर नेताओं मसलन, पूर्व सांसद सज्जन कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और दिल्ली सरकार के तमाम पूर्व मंत्रियों इत्यादि की सिफारिश का ध्यान रखते हुए सभी को संतुष्ट करने की कोशिश भी की जा रही है, लेकिन घोषणा के बाद नाराजगी और बगावत से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। पूर्व विधायक रामसिंह नेताजी के इस्तीफे से इसकी शुरुआत हो भी चुकी है।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन का कहना है कि नई कार्यकारिणी के नाम लगभग तय कर लिए गए हैं। इसी सप्ताह इसकी घोषणा कर देने की है। अधिक उम्र का कोई पदाधिकारी नहीं होगा। नए चेहरे भी शामिल होंगे।