पीयूष गोयल की अध्यक्षता में GST की पहली बैठक, ये सामान हो सकते हैं सस्ते

केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 28वीं बैठक दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रही है. बैठक में कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं. नए अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में महत्वपूर्ण परिवर्तन, रिटर्न को सरल बनाने सहित लगभग 30 सामानों पर जीएसटी दरों में कटौती और चीनी पर सेस लागू करने पर विचार किया जा सकता है.

बैठक में हैंडीक्राफ्ट के 40 प्रोडक्ट, 32 सर्विस और 35 सामानों के दर में कटौती करने फैसला हो सकता है. माना जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में लिथियम आयन बैटरी पर टैक्स 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने पर फैसला हो सकता है. 

इन सामानों पर घट सकता है GST दर

सरकार सैनेटरी नैपकिन, मार्बल, हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट समेत वॉटर कूलर, आईसक्रीम मशीनरी आदि पर जीएसटी दर घटा सकती है. सैनेटरी नैपकिन और ज्यादातर हैंडीक्राफ्ट उत्पादों पर फिलहाल 12% जीएसटी है.

वित्त मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद पीयूष गोयल की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की ये पहली बैठक है. बैठक में दिल्ली में एक राष्ट्रीय अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना करने पर विचार किया जा सकता है. ट्रिब्यूनल में न्यायपालिका के साथ-साथ कर विभाग भी शामिल होंगे.

विमान के ईंधन को GST में लाने पर हो सकता है फैसला

इस बैठक में प्राकृतिक गैस और जेट फ्यूल यानी विमान के ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने पर फैसला हो सकता है. पिछले साल एक जुलाई को जीएसटी लागू किया गया था. इस दौरान पेट्रोल-डीजल, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन सरीखे पांच उत्पादों को इससे बाहर रखा गया था.

इसकी वजह जीएसटी के दायरे में इन उत्पादों को लाने से केंद्र और राज्यों को होने वाला नुकसान था. अब जबकि इस व्यवस्था को लागू हुए एक साल पूरा हो चुका है, तो प्राकृतिक गैस और जेट फ्यूल को इसके दायरे में लाने पर विचार किया जा सकता है.

हालांकि, इन दोनों उत्पादों को जीएसटी कर की दरों में रखना मुश्किल साबित होगा. क्योंकि मौजूदा वक्त में जेट फ्यूल पर केंद्र का उत्पाद शुल्क 14 फीसदी है. इसके अलावा राज्यों का 30 फीसदी तक सेल्स टैक्स अथवा वैट अलग से है.

जीएसटी में अधिकतम टैक्स दर 28 फीसदी है. ऐसे में अगर विमान ईंधन को इस टैक्स स्लैब में शामिल किया जाता है तो राज्यों को राजस्व का भारी नुकसान होगा. ऐसे में केंद्र राज्यों को विमान ईंधन पर कुछ अतिरिक्त वैट लगाने की इजाजत दे सकता है.

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