नई दिल्ली। दिल्ली में यमुना का जल स्तर लगातार बढ़ने से राजधानी में हर घंटे बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। पूर्वी दिल्ली जिले के डीएम महेश कुमार ने बताया कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए यमुना नदी के आसपास रह रहे 1500 लोगों को वहां से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। इन लोगों के लिए पूर्वी दिल्ली में 10 स्थानों पर 550 टेंट लगाए गए हैं। अगर इसके बाद भी और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाना पड़ा तो उन्हें स्कूलों और नाइट शेल्टर्स में ठहराया जाएगा। बाढ़ के खतरे को देखते हुए यमुना के जल स्तर पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है। प्रत्येक घंटे में यमुना के जल स्तर की रिपोर्ट सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को जारी की जा रही है।
राजधानी में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार चला गया है। इस वजह से यमुना से सटे निचले इलाकों में पानी भर गया है। चिंताजनक यह है कि हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से लगातार अधिक पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे दिल्ली व आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है। इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार के सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग ने अलर्ट जारी कर यमुना से सटे निचले इलाकों में स्थित झुग्गियों को खाली कराने का निर्देश जिलाधिकारियों का दिया है।
बताया जा रहा है कि कई इलाकों से लोग हटाए भी गए हैं। इसके बावजूद कई इलाकों में अब भी लोग झुग्गियों में डटे हुए हैं। बचाव कार्य के लिए सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग का कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय है। कंट्रोल रूम से यमुना के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। इसके अलावा यमुना में बोट तैनात कर दिए गए हैं। ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
यमुना का जलस्तर शुक्रवार को ही चेतावनी के स्तर 204 मीटर को पार कर गया था। शनिवार को ओल्ड यमुना ब्रिज (लोहे वाला पुल) के पास सुबह जलस्तर 204.92 पर पहुंच गया। शनिवार शाम छह बजे जलस्तर 205.30 मीटर था। रविवार सुबह आठ बजे यमुना का जल स्तर 205.50 मीटर पहुंच चुका है। सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार हथिनी कुंड बैराज से शाम छह बजे 6,05,949 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हथिनी कुंड बैराज के पास जल स्तर खतरे के निशान (करीब 90,000 क्यूसेक) को पार कर गया है। ऐसे में अगले दो-तीन दिनों तक दिल्ली में यमुना के जलस्तर में अभी और बढ़ोतरी की संभावना है। अभी रेलवे के परिचालन पर असर नहीं पड़ा है, लेकिन रेलवे के अधिकारी भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अधिकारियों का मानना है कि जल स्तर ज्यादा बढ़ने पर ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हो सकता है।
यमुना नदी की तरफ न जाने की चेतावनी
भारी बारिश से यमुना नदी में बाढ़ का खतरा देखते हुए सरकार ने सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (एनडीआरएफ) से मदद मांगी है। यमुना से लगे क्षेत्रों में वाट्सएप और मुनादी से लोगों को नदी की ओर नहीं जाने की चेतावनी दी जा रही है। आपात स्थिति से निपटने के लिए नावों और खाद्य सामग्री का इंतजाम कर लिया गया है। डाक पत्थर, तौंस नदी व यमुनोत्री क्षेत्र में लगातार पानी का बहाव तेज होने और गिरी, आसन, बांसा सहित अन्य पांच से छह छोटी नदियों में पानी के तेज बहाव से यमुना उफनने लगी है।
अमूमन यमुना में 8.5 लाख क्यूसेक जलबहाव तक बड़ा खतरा नहीं होता, लेकिन करनाल व पानीपत के कमजोर तटबंधों के आसपास सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं। शनिवार सुबह करीब छह बजे ही यमुना का बहाव बढ़ते देख सरकार ने यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत व सोनीपत जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को सतर्क कर दिया था। जल बहाव शाम को छह लाख क्यूसेक से ऊपर पहुंच गया। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार ने बताया कि पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते वहां के अधिकारियों से संपर्क बना हुआ है।
खतरे के निशान को पार कर गया यमुना का जल स्तर
यमुना खादर व आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए छह लाख क्यूसेक पानी के कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार देर शाम उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, मुख्य सचिव अंशु प्रकाश सहित अन्य सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
जरूरत पड़ने पर लें सेना की मदद
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बाढ़ के हालात के दौरान स्थिति से निपटने की तैयारियों की जानकारी मांगी। उन्हें अधिकारियों द्वारा बताया गया कि किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए बाढ़ एवं नियंत्रण विभाग सहित सभी विभागों को सर्तक कर दिया गया है। यमुना के निचले क्षेत्रों में रह रहे लोगों को खादर क्षेत्र से हटा दिया गया है। साथ ही आसपास के क्षेत्रों में नाव व गोताखोरों को तैनात किया गया है। वहीं मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए यदि सेना या अन्य की भी मदद लेने की जरूरत पड़ी तो उस दिशा में भी कदम उठाए जाएं।
लोगों से मांगा सहयोग
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए लोगों से सहयोग मांगा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हरियाणा द्वारा छोड़ा गया पानी रविवार शाम तक दिल्ली पहुंच सकता है। प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है लोगों को भी सहयोग करना चाहिए। सभी विभाग के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है। बाढ़ संबंधी जानकारी 1077 पर दे सकते हैं। इसके लिए अलग से नियंत्रण कक्ष बनाया गया है।
यमुना का जल स्तर बढ़ने का अनुमान
एसडीएम (ईस्ट) अरुण गुप्ता के मुताबिक, यमुना का जल स्तर बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। सावधानी बरती जा रही है। अरुण गुप्ता ने बताया कि हमने इस बारे में सूचना दे दी है कि लोग अपने परिवार और पशुओं को लेकर ऊंचे स्थानों पर चले जाएं। लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि जल स्तर बढ़ने के दौरान यमुना नदी में नहाने नहीं जाएं। विस्थापित लोगों के लिए 10 स्थानों पर टेंट लगाकर व्यवस्था की है।
हालात पर नजर
ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीएम महेश कुमार के अनुसार सभी संबंधित विभाग अलर्ट पर हैं। सभी सेक्टर ऑफिसर्स यमुना में बोट से दौरा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को बचाने या मदद के लिए बोट तैयार हैं और नदी की तलहटी में बसे लोगों को ठहराने के लिए विभिन्न 10 स्थानों पर टेंट की व्यवस्था कर दी गई है। यमुना में बोट घूम रही हैं और लोगों को चेतावनी जारी कर रही हैं कि वे बाहर निकल आएं। उन्होंने कहा कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ी तो एनडीआरएफ की मदद भी ली जाएगी।
सारे रिकॉर्ड ध्वस्त
सन 2013 के बाद यमुना ने उफान के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। यमुना के तेज बहाव से भूमि का कटाव जारी है। हरियाणा के कई इलाकों में यमुना से सटे कई गांवों में पानी घुस गया है। इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार के सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग ने चेतावनी जारी कर निचले इलाकों में रह रहे लोगों को झुग्गी झोपड़ियों को खाली करने का निर्देश दिया है।
हथिनी कुंज बैराज से छोड़ा गया पानी
बता दें कि हरियाणा के हथिनी कुंज बैराज से लगातार काफी मात्र में पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में भी यमुना का पानी चेतावनी स्तर को शुक्रवार को ही पार कर गया था। इसके बाद शुक्रवार शाम छह बजे हथिनी कुंड बैराज से 40680 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। पहले ही कहा जा रहा था कि शनिवार रात तक यमुना में पानी का स्तर खतरे के निशान के और करीब पहुंच जाएगा। बता दें कि यमुना में जल स्तर 204.83 मीटर के ऊपर जाते ही खतरा बढ़ जाता है। गौरतलब है कि बीते 40 साल में यमुना 1967, 1971, 1975, 1976, 1978, 1988, 1995 और 2013 में खतरे के निशान को पार कर चुकी है।