खैरा गुट ने ‘आप’ नेतृत्व को फिर दी चुनौती, सभी जिलों में नियुक्त किए अपने ऑब्जर्वर

आम आदमी पार्टी से बगावत करने वाले सुखपाल खैरा गुट ने एक बार फिर पार्टी को चुनौती दी है। पार्टी संगठन के समानांतर खैरा द्वारा गठित एडहॉक पीएसी ने सभी जिलों में अपने ऑब्जर्वर नियुक्त कर दिए। प्रेस कांफ्रेंस में खैरा ने कहा कि उनका गुट बठिंडा कन्वेंशन में पास प्रस्तावों पर कायम है, उसी पर काम कर रहा है। पार्टी प्रस्ताव मान ले, विवाद खत्म हो जाएगा। फैसला किया गया है कि विरोध की राजनीति छोड़ कर लोगों के बीच जाकर काम करना है। 

नाराज वॉलंटियर्स को जोड़ा जाएगा। एक दिन पहले पदाधिकारियों द्वारा उन पर और कंवर संधू पर कार्रवाई की मांग के सवाल पर खैरा ने कहा कि वह संगठन ही भंग हो चुका है। लोगों को हटाने वाले सह प्रधान हैं ही नहीं और आप संविधान में यह पद ही नहीं है। फिर भी कार्रवाई करने से तो हम किसी को रोक नहीं सकते। लेकिन यह खैरा, संधू या बाकी विधायकों की बात नहीं, ये सारे वॉलंटियर्स के खिलाफ माना जाएगा। 

कहते हैं कि जिला प्रधानों की बैठक की, लेकिन ज्यादातर लोग हमारे साथ हैं। डेढ़ साल में ये 500 लोग इकट्ठे नहीं कर पाए, हमने 50 हजार कर दिए और फैसला भी हो गया। खैरा ने कहा कि वह रेफरेंडम 2020 का समर्थन नहीं करते। सांसद गुरजीत औजला द्वारा गोल्फ क्लब को ग्रांट की निंदा करते हुए उनसे सारी रकम वसूल करने की मांग की। डीजीपी की नियुक्ति पर उन्होंने कहा कि राज्यों को स्वायत्तता मिलनी चाहिए, लेकिन सुखबीर बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे लोग उसका दुरुपयोग करते हैं। 

सुखबीर द्वारा उन्हें मानव बम कहने के जवाब में खैरा ने कहा कि वह फुस्स हो चुके बम हैं। उन्होंने जस्टिस मेहताब सिंह गिल का विरोध करने के लिए अकाली दल की आलोचना की। संधू को प्रवक्ता बनाने का एलान किया। उनकी अगुवाई में तीन मेंबरी कमेटी गठित की, जो 2017 में हार के कारणों की पड़ताल करेगी।

केजरीवाल के बयान को ठहराया गलत

अरविंद केजरीवाल ने एक दिन पहले कहा है कि एसवाईएल पर उन्हें सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर होगा। खैरा और संधू ने इसे गलत ठहराते हुए कहा कि वे पंजाब के हितों के साथ खड़े हैं।  कोर्ट का फैसला पंजाब के खिलाफ आना तय है। पंजाब सरकार को रिव्यू पिटीशन डाल कर जल्द सुनवाई की मांग करनी चाहिए।

इन्हें बनाया ऑब्जर्वर
खैरा गुट ने सभी जिलों के ऑब्जर्वर नियुक्त किए। दीपक बंसल को बठिंडा, करमजीत कौर को मानसा, जय सिंह रोड़ी को रोपड़, नवांशहर, नाजर सिंह मानशाइयां को पटियाला, मास्टर बलदेव सिंह को फरीदकोट, मुक्तसर, जगदेव कमालू को फिरोजपुर, फाजिल्का, कंवर संधू को मोहाली, फतेहगढ़ साहिब, परमजीत सचदेवा को जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर, पिरमल सिंह को संगरूर, बरनाला, जगतार सिंह हिस्सोवाल, दलजीत सिंह, नरिंदर पाल सिंह को लुधियाना, मोगा, गुरप्रताप सिंह खुशालपुर को गुरदासपुर, पठानकोट, परगट सिंह, सुरेश शर्मा को अमृतसर, तरनतारन का ऑब्जर्वर नियुक्त किया गया है।

जस्टिस रंजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट हो सार्वजनिक

सुखपाल खैरा गुट के नेताओं ने राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को ज्ञापन दिया। जिसमें मांग की गई कि जस्टिस रंजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। इस रिपोर्ट पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। इसमें जिन पुलिस अधिकारियों का नाम आया है और एसआईटी में डेरा के जिन लोगों का नाम आया है, उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
बेअदबी केमामले में बनी एसआईटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। बेअदबी और बेहबल कला कांड केसों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित की जाए। बेअदबी मामले में एसआईटी के चालान पेश करने की समय सीमा निर्धारित की जाए। खैरा ने कहा कि मौड़ ब्लास्ट में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उस समय आप पर आरोप लगाने वाले अब माफी मांगें।

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