7वां वेतन आयोग को लेकर आई बड़ी खुशखबरी: अप्रैल से मिलेगा बढ़ी हुई सैलरी का फायदा

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. हालांकि, ताजा जानकारी ये है कि सरकारी कर्मचारियों को इसी वित्त वर्ष से बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी. वह भी वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा. सूत्रों की माने तो मोदी सरकार अगले साल होने वाले चुनाव से पहले इस मामले को सुलझाना चाहती है. अब खबर है कि सरकार न्यूनतम सैलरी 18 हजार के बजाए 21 हजार करने पर भी विचार कर रही है. उम्मीद है सरकार इसे जल्द से जल्द लागू कर सकती है. हालांकि, इस बीच खबर यह भी है कि सरकार की अगला वेतन आयोग खत्म करने की भी प्लानिंग है.

आएगा ‘ऑटोमैटिक पे रिवीजन सिस्टम’
सूत्रों के मुताबिक, सातवें वेतन आयोग के बाद अगला वेतन आयोग नहीं आएगा. यह बेहद चौंकाने वाली खबर है. सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशन धारकों के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा डीए होने पर सैलरी में ऑटोमैटिक वृद्धि हो जाए. इस व्यवस्था को ‘ऑटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम’ के नाम से शुरू किया जा सकता है. कर्मचारियों का मानना है कि वेतन वृद्धि की मौजूदा सिफारिशों से उनके लिए सम्मानपूर्वक जीना मुश्किल होगा. अब सवाल यह है कि सातवें वेतन आयोग की यह उलझन कब तक सुलझेगी.

कब मिलेगी बढ़ी हुई सैलरी
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों को यह खुशखबरी इसी साल मिलेगी. हालांकि, अभी इसकी तारीख तय नहीं है. लेकिन, सैलरी अप्रैल 2018 से ही लागू माना जाएगा. दावा यह भी है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मिनिमम पे स्केल में 3000 रुपए की बढ़ोतरी होगी. यानी 18,000 रुपए के बजाय अब मिनिमम बेसिक पे 21,000 रुपए होगी.

फिटमेंट फैक्टर को भी 2.57 गुना से बढ़ाकर 3 गुना किया जा सकता है. हालांकि, केंद्रीय कर्माचरियों की मांग है कि उनकी न्यूनतम सैलरी को 18,000 रुपए महीने बढ़ाने के बजाय 26,000 रुपए महीने की जाए. इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुना से बढ़ाकर 3.68 गुना कर दिया जाए.

निम्न स्तर के कर्मचारियों को होगा फायदा
एक अधिकारी के मुताबिक, मध्य स्तर के कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि के बजाय निम्न स्तर के कर्मचारियों को चुना पसंद करेंगे. इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापक मध्य-स्तरीय कर्मचारियों को ज्यादा वृद्धि नहीं दिखाई देगी, क्योंकि, आय के ध्रुवीकरण के लंबे समय से चलने वाले रुझान और केंद्रीय सरकार के विभागों में सिकुड़ते मध्य स्तर को देखते हुए ऐसा लगता है.

किसे क्या मिलेगा?
> वो केंद्रीय कर्मचारी जो पे लेवल मैट्रिक्स 1 से 5 के बीच आते हैं
> न्यूनतम सैलरी 18 हजार के बजाए 21 हजार रुपए दी जा सकती है.
> नरेंद्र मोदी सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों जल्द लागू कर सकती है.
> सरकारी कर्मचारियों की मानें तो वेतन में करीब तीन गुना वृद्धि होनी चाहिए. 
> कर्मचारी यूनियनों ने 3.68 गुना इजाफे की मांग की थी, जिससे न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए होता है.
> केंद्र सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा सैलरी बढ़ाने के पक्ष में नहीं है.
> कर्मचारी यूनियन के मुताबिक, अब तक आए वेतन आयोग में से सातवें वेतन आयोग ने सबसे कम सैलरी बढ़ाने की सिफारिश की है.

एरियर का नहीं मिलेगा फायदा
सूत्रों की मानें तो सातवें वेतन आयोग के तहत बढ़ी हुई सैलरी और फिटमेंट फैक्टर अगर लागू होता है तो कर्मचारियों को एरियर का फायदा नहीं मिलेगा. पिछले हफ्ते की कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि सरकार एरियर देने के मूड में नहीं है. वहीं, सरकार के वित्तीय सलाहकारों ने वेतन वृद्धि से अतिरिक्त बोझ पड़ने की बात कही थी.

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