थोक महंगाई पर लगा ब्रेक सब्जियां 14.07 फीसदी तो फल 8.81 फीसदी हुए सस्ते

थोक महंगाई दर जुलाई महीने में घटकर 5.09 फीसदी दर्ज की गई। थोक महंगाई में गिरावट का प्रमुख कारण खाद्य पदार्थों खासकर फल और सब्जियों की कीमतों में गिरावट आना है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर जून में 5.77 फीसदी दर्ज की गई थी और जुलाई 2017 में 1.88 फीसदी पर थी।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में खाद्य वस्तुओं की थोक कीमतों में समग्र आधार पर 2.16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि जून में इनकी कीमतें 1.80 फीसदी बढ़ी थी।

सब्जियों की थोक कीमतें जुलाई में 14.07 फीसदी घटीं, जबकि जून महीने में सब्जियों की कीमतें 8.12 फीसदी बढ़ी थी। इसी तरह जुलाई में फलों की थोक कीमतें 8.81 फीसदी घट गई, जबकि जून में फलों की थोक कीमतें 3.87 फीसदी बढ़ी थी। दालों की श्रेणी में जुलाई महीने में दालें 17.03 फीसदी सस्ते हुए, जबकि जून में ये 20.23 फीसदी सस्ते हुए थे।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को जारी एक अन्य सरकारी आंकड़े के मुताबिक खुदरा महंगाई दर जुलाई में घटकर 4.17 फीसदी दर्ज की गई, जो गत नौ महीने का निचला स्तर है। खुदरा महंगाई दर जून महीने में 4.9 फीसदी दर्ज की गई थी। खुदरा महंगाई घटने का भी प्रमुख कारण है खाद्य वस्तुओं की कीमतें घटना।

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