पनामागेट : क्या पकिस्तान एक बार फिर कू- सैन्य तख्ता पलट की तरफ बढ़ रहा है ???

(Pi Bureau)

 

नई दिल्ली  : पनामागेट के नाम से शोहरत पाए पनामा पेपर्स लीक से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले पर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ और उनके परिजनों की विदेशों में संपत्तियों के मामले की जांच के लिए जॉइंट इनवेस्टिगेशन टीम –जेआईटी  के गठन का आदेश दिया है। जेआईटी को 60 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी। नवाज शरीफ भी जेआईटी के सामने पेश होंगे। जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के बाद मामले की कोर्ट में फिर से सुनवाई होगी। जेआईटी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होगी।

 

पकिस्तान से मिल रहे मीडिया इनपुट्स के अनुसार वहां की सुप्रीम कोर्ट ने अपने आज के फैंसले में कहा कि नवाज़ शरीफ को भ्रष्टाचार के आरोप में अयोग्य घोषित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं।  5 जजों की बेंच ने 3-2 के बहुमत से नवाज के पक्ष में फैसला सुनाया। दो जज जस्टिस खोसा और जस्टिस गुलजार जेआईटी जांच के पक्ष में नहीं थे बल्कि वे नवाज शरीफ को पीएम पद के लिए अयोग्य घोषित करना चाहते थे। आखिरकार बहुमत से दिए गए फैसले से नवाज शरीफ को बड़ी और फौरी राहत मिल गई।

540 पेज का लम्बा फैंसला फेटे हुये सुप्रीम कोर्ट ने मिलिट्री इंटेलिजेंस, NAB, SEC और FIA को JIT जांच के लिए अपने अफसरों के नाम सुझाने को कहा है। और 7 दिनों के भीतर इसके गठन करने का भी आदेश दिया है ।

बताते चले पनामागेट में नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज, हसन नवाज, हुसैन नवाज, शरीफ के दामाद रिटायर्ड कैप्टन मुहम्मद सफदर और वित्त मंत्री इशाक डार के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप संगीन आरोप हैं।

इस चर्चित फैंसले के आते ही सत्तारुण पीएमएल –एन ने जहाँ इसका स्वागत किया है तो वहीँ दुसरे विपक्षी दलों ने नैतिकता के आधार पर नवाज़ से इस्तीफा देने की मांग तेज कर दी है । उनका आरोप है कि पड़ पर रहते वह इस जाँच को प्रभावित कर सकते है

आज के इस फैंसले के मद्देनज़र सुबह से ही इस्लामाबाद सुप्रीम कोर्ट वाला इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया, राजधानी इस्लामाबाद के रेड जोन को ‘रेड अलर्ट’ पर रखा गया था। रेड जोन और आस-पास के इलाकों की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए करीब 1,500 पुलिसवाले, रैंजर्स और फ्रंटियर कॉन्स्टेबुलरी के जवानों को तैनात किया गया है। स्पेशल ब्रांड के अधिकारियों समेत पुलिस अधिकारियों को खुफिया सूचना जुटाने और उसके लिहाज से समय पर कार्रवाई करने के लिए तैनात किया गया था। रेड जोन के सभी एंट्री पॉइंट्स पर कड़ी सुरक्षा जांच की जा रही थी। सिर्फ स्थानीय लोगों, सरकारी अधिकारियों समेत संबंधित लोगों को ही एंट्री दी गई।

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