कर्ज में डूबी इन कंपनियों को दिवालिया घोषित करेंगी आरबीआई…

एनपीए यानि फंसे कर्ज से जूझ रहे बैंक अब 70 कंपनियों के खिलाफ जल्द ही दिवालिया कार्रवाई शुरू करने जा रहे हैं। इन कंपनियों पर बैंकों का करीब 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। 

भारतीय रिजर्व बैंक ने दिया था आदेश

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को इसी साल फरवरी में एनपीए को कम करने के लिए ऐसी कंपनियों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। फिलहाल 60 कंपनियों के खिलाफ इसी हफ्ते से कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

12 फरवरी को जारी किए सर्कुलर में बैंकों को 180 दिनों का समय दिया गया था। नया नियम 1 मार्च से लागू हुआ और 180 दिनों का समय 27 अगस्त को पूरा हो जाएगा। इसके बाद बैंकों को इनके खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू करनी पड़ेगी। रिजर्व बैंक ने पिछले साल दिवालिया कार्रवाई के लिए बैंकों को 40 कंपनियों की सूची भेजी थी। इन पर करीब चार लाख करोड़ का कर्ज बकाया था। 

75 कंपनियों के साथ बातचीत जारी

सूत्रों के मुताबिक पहली मार्च को एक दिन से ज्यादा डिफॉल्ट करने वाली 75 कंपनियों के साथ बात जारी है। पर हफ्ते भर में बहुत कम कंपनियों का समाधान निकलने की उम्मीद है। पहली मार्च को 81 कंपनियों ने डिफॉल्ट किया था। इनमें 38 पावर सेक्टर की हैं। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के अनुसार बिजली कंपनियों पर 2.6 लाख करोड़ कर्ज बकाया है। 

525 कंपनियों पर चल रही है कार्रवाई 

अगर कंपनी कर्ज लौटाने में एक दिन का भी डिफॉल्ट करती है तो बैंक को समाधान के लिए तत्काल कदम उठाना पड़ेगा। 2,000 करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज वाली कंपनी के कर्ज का समाधान 180 दिनों में नहीं निकला तो बैंक को उसके खिलाफ एनसीएलटी में याचिका दायर करनी पड़ेगी। 

यह हैं वो खाते

बैंक                          एनपीए खाते 
एसबीआई                   40 
आईडीबीआई              40 
आईसीआईसीआई        32 
पीएनबी                      35 
एक्सिस बैंक                23 
बैंक ऑफ बड़ौदा         20 
यूनियन बैंक                18 
बैंक ऑफ इंडिया           8 

बैंकों के घाटे में बढ़ोतरी होगी 
दिवालिया कार्रवाई शुरू होने से प्रोविजनिंग बढ़ने से बैंकों के मुनाफे पर भी खासा असर पड़ेगा। रिजर्व बैंक के नियम के मुताबिक इन खातों में सिक्योर्ड लोन के 50 फीसदी और अनसिक्योर्ड लोन के 100 फीसदी रकम के बराबर प्रोविजनिंग जरूरी है। 

अनिल अंबानी की आरकॉम भी शामिल

जिन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो सकती है उनमें अनिल अंबानी समूह की रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस डिफेंस एंड इंजीनियरिंग (अब रिलायंस नेवल), पुंजलॉयड, बजाज हिंदुस्तान, मुंबई रेयान, जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर, रोल्टा इंडिया, श्रीराम ईपीसी, ऊषा मार्टिन, एस्सार शिपिंग और गीतांजलि जेम्स शामिल हैं। गीतांजलि जेम्स नीरव मोदी के मामा मेहुल चौकसी की कंपनी है। 

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