कुर्सी की लड़ाई के लिए विधानसभा में भी दिखी दोनों पार्टी की गुटबाजी

विधानसभा सत्र के पहले दिन सदन में भी आम आदमी पार्टी में गुटबाजी हावी रही। कुर्सी की लड़ाई में पार्टी के विधायक बंट गए। पार्टी से बगावत करने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा समर्थक आठ विधायक अब अलग बैठेंगे और बाकी विधायक अलग। खैहरा गुट ने सबसे पिछली सीट पर बैठने का फैसला कर लिया है। स्पीकर ने भी इसकी इजाजत दे दी है। सदन में आप विधायकों को एकजुट करने के प्रयास में लगे एचएस फूलका भी सफल नहीं हुए।

फूलका के नेतृत्व में खैहरा के घर गए विधायक

फूलका के नेतृत्व में अमन अरोड़ा, सरबजीत सिंह माणूके और रुपिंदर कौर रुबी खैहरा के घर गए। उन्हें विधानसभा में एकजुट रहने की बात कही। इन विधायकों ने खैहरा के घर लंच भी किया। फूलका ने सदन के सिटिंग प्लान को ठीक करने का भी आश्वासन दिया। मामला कुछ हद तक संभल भी गया था लेकिन कंवर संधू की सीट को लेकर मामला बिगड़ गया।

कंवर संधू की सीट पर बिगड़ा मामला

सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले खैहरा सदन में पहुंचे तो फूलका ने उन्हें पहली पंक्ति में आने को कहा। खैहरा सीट पर पहुंचे भी, लेकिन तभी उन्हें पता चला कि कंवर संधू की सीट नेता प्रतिपक्ष के पीछे है। जिस पर वह नाराज होकर सबसे पीछे वाली सीट पर चले गए। उनके साथ कंवर संधू, जगतार सिंह जग्गा, मास्टर बलदेव सिंह, पिरमल सिंह, जय किशन रोड़ी, जगदेव सिंह कमालू और नाजर सिंह मानशाहिया भी बैठ गए। चीमा ने भी खैहरा को अपनी सीट पर आने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माने।

शांति के लिए मैैंने बदली सीट : स्पीकर

खैहरा समेत आठ विधायक स्पीकर राणा केपी सिंह से मिले और सभी विधायकों को पीछे की चार सीटें अलॉट करने की अपील की जिसे स्पीकर राणा केपी सिंह ने स्वीकार कर लिया। स्पीकर ने बताया कि हाउस को शांतिमय चलाने के लिए उन्होंने यह फैसला लिया है। भले ही सिटिंग प्लान पार्टी के नेता को तय करना होता है, लेकिन जो बाधा सदन में उत्पन्न हुई है उसे खत्म करने के लिए यह फैसला लिया गया है।

सत्र का समय बढ़ाने को आप ने दिया धरना

आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सत्र का समय बढ़ाने के लिए विधानसभा के बाहर धरना भी दिया। विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

विधायक दल की बैठक से गायब रहा खैहरा गुट

आप के विधायक दल की बैठक विधानसभा परिसर में पार्टी दफ्तर में हुई। इसमें खैहरा गुट ने हिस्सा नहीं लिया। सत्र का समय बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन में खैहरा गुट भी था।

90 फीसद काडर मेरे साथ : खैहरा

सुखपाल सिंह खैहरा ने सफाई दी कि लड़ाई कुर्सी की नहीं है। जब मुझे चार्ज दिया गया था तो मंैने कोई सिटिंग प्लान चेंज नहीं किया था। उसी सिस्टम को लागू किया जा सकता है। पूर्व सिटिंग प्लान में एक ही सीट खिसकनी चाहिए थे।

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