चंडीगढ़। पंजाब के शैलरों की बल्ले-बल्ले हो गई है। उनको अब बेहद कम गारंटी राशि देनी पड़ेगी। कैबिनेट बैठक में शैलर मालिकों के दबाव में वित्त विभाग की भी नहीं चली। अब शैलर मालिकों से पांच फीसद गारंटी ही ली जाएगी। वित्त विभाग चाहता था कि 50 फीसद गारंटी ली जाए।
पिछलेे एक साल में 84 करोड़ रुपये की धान की चोरी के बावजूद शैलर मालिकों पर सरकार ज्यादा सख्ती नहीं कर पाई है। कैबिनेट की ओर से पास की गई नई कस्टम पॉलिसी को देखकर साफ लगता है कि सरकार पर शैलर मालिकों का काफी दबाव रहा है। शैलर मालिक बैंक गारंटी नहीं देना चाहते थे।
पहले ली जाती थी मात्र पांच लाख रुपये की गारंटी
मिलिंग के लिए खरीद एजेंसियों से धान लेने के लिए पहले शैलर मालिकों को मात्र पांच लाख रुपये की गारंटी देनी होती थी। इसके चलते कई शैलर मालिक धान से चावल निकालकर बाजार में बेच देते और रफूचक्कर हो जाते थे। पिछले सीजन में ऐसे एक दर्जन से ज्यादा केस सामने आए जिसमें 84 करोड़ रुपये का धान गायब हो गया। अमृतसर में बीरूमल कंपनी ही 32 करोड़ रुपये से ज्यादा का चावल लेकर भाग गई।
कैबिनेट से पहले बनाया दबाव
कैबिनेट बैठक शुरू होने से पहले शैलर मालिकों का शिष्टमंडल तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के नेतृत्व में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू से मिला और मांग की कि बैंक गारंटी को वापस लिया जाए। आशू ने कहा कि कैबिनेट में एजेंडा चला गया है जो होगा कैबिनेट ही तय करेगी। इससे पहले कैबिनेट के एजेंडे में वित्त विभाग ने शैलर मालिकों से 50 फीसद गारंटी लेने का प्रावधान किया था।
पता चला है कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग भी वित्त विभाग के इस मत से सहमत नहीं था। उन्होंने कहा कि धान खरीद एशिया का सबसे बड़ा ऑपरेशन है और अगर 50 फीसद गारंटी लेने का प्रावधान किया गया तो शैलर मिलिंग के लिए आगे नहीं आएंगे।
लगेंगे सीसीटीवी कैमरे, रखना होगा रिकार्ड
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की डायरेक्टर अनंदिता मित्रा ने बताया कि इस बार चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए नई पॉलिसी में हर शैलर में सीसीटीवी कैमरे लगाने को अनिवार्य बनाया गया है और साथ ही कहा है कि इसका तीन महीने का रिकार्ड रखना होगा।
काम अच्छा तो मिलेगी अतिरिक्त धान
जिन शैलरों का काम अच्छा रहा है उन्हें 5 फीसद से लेकर 15 फीसद तक अतिरिक्त धान मिलिंग के लिए दिया जाएगा। जिन्होंने अप्रैल के बाद मिलिंग करके दी है उनसे उसी अनुपात में कटौती भी की जाएगी।
190 लाख टन धान आने की उम्मीद
इस बार मानसून अच्छा रहने और रकबा बढ़ने के कारण 190 लाख टन धान मंडियों में आने की उम्मीद है। पिछले साल 180 लाख टन धान मंडियों में आया था।