(Pi Bureau)
लखनऊ । राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मूसद अहमद ने उ0प्र0 के गन्ना किसानों के दर्द को महसूस करते हुये सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर कहा कि पिछली सरकार द्वारा गन्ना किसानों के बकाये पर मिलने वाला ब्याज मिल मालिकों के पक्ष में माफ कर दिया गया था जिसे अब तक इस सरकार ने भी भुगतान करने का प्रयास नहीं किया है। गन्ना किसानों के बकाये का कुल ब्याज 2016 करोड़ है जोकि शुगर केन परचेज एक्ट के अनुसार किसानों को मिलना चाहिए। परन्तु ऐसा लग रहा वर्तमान सरकार भी मिल मालिकों एवं पूजीपतियों के पक्ष में खड़ी होकर गन्ना किसानों के साथ विष्वासघात कर रही है।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि पिछली सरकार ने जब ब्याज की धनराशि मिल मालिकों के पक्ष में माफ कर दिया था तब भी राष्ट्रीय लोकदल ने धरना प्रदर्शन के माध्यम से विरोध करते हुये महामहिम राज्यपाल महोदय को सम्बोधित ज्ञापन में ब्याज की धनराशि किसानों को देनेे का अनुरोध किया गया था परन्तु उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। मार्च के महीने में माननीय उच्च न्यायालय ने भी सरकार के उस निर्णय पर रोक लगा दी थी जिसमें ब्याज की धनराशि मिल मालिको के पक्ष में माफ की गई थी।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुये कहा है कि वर्तमान सरकार के गठन हुये एक माह से अधिक हो गया है और गन्ना किसानों के बकाया ब्याज पर अभी तक निर्णय नहीं लिया गया है जोकि माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की स्पष्ट अवहेलना है। राष्ट्रीय लोकदल की मांग है कि शीघ्र ही गन्ना किसानों का बकाया ब्याज 2016 करोड़ रूपया तत्काल भुगतान किया जाय अन्यथा राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे जिसका सम्पूर्ण उत्तर दायित्व प्रदेश सरकार का होगा।