डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। रुपये में गिरावट से सबसे ज्यादा मार आम आदमी पर पड़ी है। इससे पेट्रोल डीजल सहित रोजमर्रा की कई वस्तुएं महंगी हो गई हैं, जिससे ज्यादातर गरीब व मध्यम वर्ग परेशान है। रुपये में गिरावट रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बड़ा कदम उठा सकता है।
ब्याज दरों में हो सकती है बढ़ोतरी
रिजर्व बैंक अपने रेपो रेट में और बढ़ोतरी कर सकता है, जिसके बाद होम और ऑटो लोन लेना महंगा हो जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि रुपये पिछले पांच दिनों में 2 फीसदी से अधिक टूट चुका है। एसबीआई ने भी इकोरैप रिसर्च रिपोर्ट में यह बात कही है।
पिछले दो महीनों में खुदरा और थोक महंगाई काफी बढ़ गई है। पेट्रोल और डीजल के दाम भी लगातार बढ़ते गए, क्योंकि रुपया लगातार कमजोर होता गया। ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें इस साल लगभग 20 फीसदी बढ़ चुकी है और मई के दौरान कच्चा तेल 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से ऊपर चला गया था। कच्चे तेल का यह स्तर 2014 के बाद का सर्वाधिक स्तर है। इसके साथ ही मानसून भी बीच के महीनों में कमजोर हो गया था, लेकिन अब कई हिस्सों में बहुत ही भारी बारिश हो रही है।
बरकरार रखा जीडीपी ग्रोथ का अनुमान
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019 में जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 7.4 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई के मुताबिक अप्रैल-सितंबर में जीडीपी ग्रोथ 7.5-7.6 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं, जुलाई-सितंबर के बीच महंगाई दर 4.2 फीसदी रहने का अनुमान है।
अक्टूबर 2013 के बाद यह पहला मौका होगा जब रिजर्व बैंक ने लगातार दो बार ब्याज दरों में इजाफा किया है। अक्टूबर-मार्च के बीच महंगाई दर 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है। मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की अगली बैठक 3-5 अक्टूबर को होगी।
घर खर्च चलाना हुआ महंगा
रुपये में गिरावट से आम आदमी के लिए घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। डीजल के दाम बढ़ने से कई कंपनियों ने अपने उत्पादों के दामों में बढ़ोतरी कर दी है। आटा, ब्रेड, मैदा, सूजी जैसे सैंकड़ों उत्पादों की ढुलाई महंगी हो गई है। ट्रक ऑपरेटर्स ने भी माल भाड़े में बढ़ोतरी कर दी है। इसका असर आम आदमी पर पड़ रहा है।
इस वजह से गिर रहा है रुपया
हम आपको वो कारण बता रहे हैं, जिनकी वजह से रुपया क्यों गिर रहा है। रुपये में जो कमजोरी दिख रही है, उसकी दो प्रमुख वजह हैं। पहला कच्चा तेल का दाम और दूसरा अमेरिका का अन्य देशों के साथ ट्रेड वॉर की आशंका। इससे सरकार का चालू खाते का घाटा बढ़ने की उम्मीद है।
यहां भी पड़ेगा असर
रुपया कमजोर होने की स्थिति में भारत जहां भी डॉलर के मुकाबले पेमेंट करता है, वह महंगा हो गया है। सीधे तौर पर समझें तो अब देश में विदेश से आने वाले टीवी, मोबाइल और कारों के कल-पुर्जे महंगे हो गए हैं। इससे इन्हें खरीदने पर ज्यादा जेब ग्राहकों को ढीली करनी पड़ रही है। डॉलर के मजबूत होने से अगर आपका बच्चा विदेश में पढ़ाई कर रहा है तो अब यह भी महंगा हो गया है। अब आपको पहले के मुकाबले थोड़े ज्यादा पैसे भेजने पड़ेंगे। विदेश की यात्रा में ज्यादा भुगतान करना होगा क्योंकि आपको डॉलर का भुगतान करने के लिए ज्यादा भारतीय रुपये खर्च करने होंगे।