छोटे कारोबारियों के लिए राहत की खबर है। निजी क्षेत्र के बैंक आइसीआइसीआइ बैंक ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों (एमएसएमई) के लिये वर्किंग कैपिटल फैसिलिटी का एलान किया है। इसके लिए कारोबारियों को अपने जीएसटी रिटर्न में रजिस्टर्ड बिजनेस के आधार पर ओवरड्राफ्ट (ओडी) मिल सकता है। बैंक ने इस सुविधा का नाम ‘जीएसटी बिजनेस लोन’ रखा है। इस सेवा का लाभ वे भी उठा सकते हैं जो आइसीआइसीआइ बैंक के ग्राहक नहीं है। जानकारी के लिये बता दें कि इस योजना के तहत एक करोड़ रुपये तक का कर्ज लिया जा सकता है।
सोमवार को जारी विज्ञप्ति में बैंक ने कहा, “इस सुविधा के जरिए बैहतर और तुरंत ओवरड्राफ्ट की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसमें पेपरवर्क की जरूरत को खत्म कर दिया जाएगा जिनमें बीते वर्षों की बैलेंस शीट शामिल होती थी।”
एमएसएमई को दो कार्यकारी दिनों में ओवरड्राफ्ट राशि मंजूर कर दी जाएगी और बैंक वर्किंग कैपिटल लिमिट की योग्यता जांचने के लिए उनके जीएसटी रिटर्न का मूल्यांकन करेगा।
आइसीआइसीआइ बैंक के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर अनूप बागची ने कहा, “चूंकि जीएसटी विस्तृत बिजनेस फ्लो की गणना करता है हमें भरोसा है कि जीएसटी रिटर्न एमएसएमई को कर्ज देने के परिप्रेक्ष्य को बदल देगा। यह तेज और बिना किसी दिक्कत के वित्तीय संस्थानों से वर्किंग कैपिटल मुहैया कराएगा।”
ओवरड्राफ्ट की राशि 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये के बीच होगी। साथ ही जीएसटी रिटर्न में दाखिल टर्नओवर का 20 फीसद तक की हो सकती है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए एमएसएमई रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल या इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी को कलैटरल सिक्योरिटी के रूप में रख सकते हैं। ग्राहक को किसी तरह की कोई फाइनेंशियल स्टेटमेंट नहीं दिखानी होगी