बीजेपी सांसद ने एसपी को धमकाया, ‘सुधर जाओ, वरना खाल खिंचवा लेंगे !!!

(Pi Bureau)

 

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की एक महिला सांसद ने कैमरे पर ‘पुलिस वाले की खाल खिंचवा लेने की धमकी’ दी है, क्योंकि सांसद को पुलिस अधिकारी का व्यवहार पसंद नहीं आया… बाराबंकी से लोकसभा सांसद प्रियंका सिंह रावत ने स्पष्टीकरण मांगे जाने पर भी कोई अफसोस ज़ाहिर नहीं किया, और धमकी को दोहराया .

सांसद प्रियंका रावत ने उक्त बाते फ़ोन कर पुलिस अधिकारी ज्ञानंजय सिंह से उनके ‘दुर्व्यवहार’ को लेकर चीखते हुए कहा, “मैं सारी मलाई (गैरकानूनी कमाई) बाहर निकाल लूंगी, और खाल भी खिंचवा लूंगी…”

बताते चले प्रियंका सिंह रावत बाराबंकी से भाजपा की सांसद है . पत्रकारों ने जब इस बाबत उनसे पूंछा तो उन्होंने अपने वही शब्द दोहरा दिए .

 

प्रियंका सिंह रावत ने पत्रकारों से कहा, “पिछली सरकार में उन लोगों में बहुत कमा लिया है… अगर ढंग से काम नहीं करेंगे, मलाई भी उतार लेंगे और खाल भी उतरवा  देंगे…”

 

बताते है प्रियंका रावत ने इस पुलिस अधिकारी को कत्ल के एक ऐसे मामले की जांच के सिलसिले में फोन किया था, जिसकी तहकीकात उनकी निगरानी में हो रही थी… फोन पर हुई बहस के दौरान पुलिस अधिकारी ने कथित रूप से सांसद से कहा, “मैं पुलिस वाला हूं… मुझे मालूम है, मैं क्या कर रहा हूं…”

 

बाराबंकी में अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस अधिकारी का नाम लेते हुए प्रियंका सिंह रावत ने चेताया, “केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार है, और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार,  जो भी बढ़िया काम करेंगे, सिर्फ वही जिले में रहेंगे… अगर उनके व्यवहार में सुधार नहीं हुआ, तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे, और उनका रिकॉर्ड भी चेक किया जाएगा ”

बताते चले पिछले दिनों सहारनपुर में भाजपा सांसद ने बिना अनुमति के जुलूस निकाले जाने वाले प्रकरण पर वहां के पुलिस अधिकारी के आवास में घुस के तोड़फोड़ की थी जिससे उनका परिवार काफी सहम गया था . भाजपा सांसद ने पुलिस अधिकारी को धमकाया भी था .

दो दिन पहले भाजपा विधायक केसर सिंह पर आरोप लगाया गया था कि वह एक बैंक मैनेजर द्वारा उन्हें तवज्जो नहीं दिए जाने पर मैनेजर को घसीटकर कार तक लाए थे, और उसकी पिटाई की थी. हालांकि केसर सिंह ने बैंक मैनेजर को पीटने के आरोप का खंडन किया है.

 

राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा, “इस सरकार और पार्टी का यही प्रयास है कि पिछली सरकारों के कार्यकाल के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं तथा सांसदों-विधायकों द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा हमारी सरकार और उसके सांसद-विधायक न दोहराएं…”

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