सर्वोच्च न्यायालय में सीलिंग मुद्दे को लेकर मनोज तिवारी बोले- सुनवाई लंबित होने तक सीलिंग पर लगे रोक

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सर्वोच्च न्यायालय में सीलिंग मुद्दे की सुनवाई लंबित होने तक राजधानी में सीलिंग पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि एमसीडी के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर मॉनिटरिंग कमेटी ने जो कार्रवाई की है, उससे जनता भयभीत है। तिवारी सर्वोच्च न्यायालय के बाहर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने गोकलपुरी सीलिंग की घटना के संदर्भ में उन्हें सीलिंग अफसर बनाने और शपथपत्र दाखिल करने को कहा था। उन्होंने दोनों बातें स्वीकार कर ली हैं। मैंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 1000 जगहों की लिस्ट भी दे दी है।  उन्होंने कहा गोकलपुरी मामले में न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही कोई सीलिंग ऑर्डर दिया गया।  मेरा सवाल यह है कि सीलिंग क्यों हुई? इससे स्पष्ट है कि मॉनिटरिंग कमेटी भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर सीलिंग कर रही है। 

मॉनिटरिंग कमेटी की कार्रवाई से जनता भयभीत
तिवारी ने कहा मॉनिटरिंग कमेटी न्यायिक रूप से अपने दायित्वों का पालन नहीं कर रही है। दिल्ली की जनता पर पिक एंड चूज के तहत अत्याचार हो रहा है।  यह जो सीलिंग है, वह सीलिंग उद्योग बन गया है। उन्होंने कहा कि 2006 से 2018 तक भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर मॉनिटरिंग कमेटी ने जिस तरह कार्यवाही की है, उससे दिल्ली की जनता भयभीत है। 

न्याय के लिए प्रश्न उठाने पर एक लाख रुपये जमा कराने पड़े
मनोज तिवारी ने कहा कि न्याय की सुनवाई नहीं हो रही है और अगर कोई न्याय का प्रश्न उठाता है तो उसको सुनवाई करने के लिए एक लाख रुपये जमा कराने पड़ते हैं। जहां पर देश में 6 रुपये की टिकट पर न्याय के लिए सुनवाई की जाती है, वहां पर एक लाख रुपये देना नेचुरल जस्टिस के खिलाफ है। तिवारी ने कहा उनका न्यायिक व्यवस्था पर पूरा विश्वास है और वे आशा करते हैं लोगों को सीलिंग मुद्दे पर भी न्याय मिलेगा। 

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