भारत में चुनावी समर आने वाला है और अब केंद्रीय कर्मचारियों ने हल्ला बोल दिया है। केंद्र सरकार के कर्मचारी अपने सातवें वेतनमान को लेकर अब सरकार को घेरने का मन बना रहे हैंं, पुरानी पेंसन स्कीम व न्यूनतम वेतन पर अब कर्मी सरकार पर दबाव बनाएगें।
रेलवे और केंद्रीय कर्मचारी आगामी समय में इन सभी विसंगतियों को लेकर दिसम्बर में संसद सत्र के साथ ही केन्द्र सरकार का घेराव करेंगे। इसके अलावा दिसम्बर में रेलकर्मचारियों का संगठन देश में ट्रेनों को रोककर प्रदर्शन करने का मन बना रहा है। यदि ऐसा हुआ तो पूरे देश में रेल यातायात के बाधित होने की संभावना ज्यादा बढ़ सकती है। इसके साथ ही केंद्रीय कर्मियों के संयुक्त संगठन नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि केन्द्रीय कर्मचारी सातवें आयोग के तहत कम से कम 26000 रूपए वेतन और पुरानी पेंसन योजना को फिर से शुरू करने की बात कह रहे हैं और इसके लिए वे लंबे समय से आंदोलन भी कर रहे हैं।
केंद्रीय कर्मचारियों को अब तक सरकार द्वारा कोई आश्वासन नहीं दिया गया है। इस पर सभी कर्मचारियों ने संसद सत्र के दौरान बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है साथ ही यदि सरकार ने इसके बाद भी कर्मचारियों के हित में बात नहीं की तो देशभर में रेल्वे कर्मचारी व्यापक आंदोलन करेंगे। गौरतलब है कि देश के कुछ राज्यों में आगामी समय में विधानसभा चुनाव होने हैं और फिर लोकसभा चुनाव, इसी को देखते हुए केंद्रीय कर्मचारी अब अपनी मांगों को लेकर मुखा हो गए हैं और सरकार पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश कर रहें हैं।