(Pi Bureau)
नई दिल्ली : 16 दिसंबर 2012 की रात तकरीबन नौ बजे निर्भया अपने दोस्त के साथ दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका इलाके में अपने घर पालम विहार जाने के लिए इंतजार कर रही थी. साढ़े नौ बजे के करीब एक सफेद बस वहां रुकी. उसमें से एक शख्स ने उन लोगों को बस में चढ़ने का आग्रह किया. वे बस में चढ़ गए. उस बस में ड्राइवर समेत छह लोग पहले से मौजूद थे. थोड़ी देर बाद उन्होंने निर्भया के साथ गैंगरेप किया और उसके बाद दोनों को बुरी तरह से पीटा और महिपालपुर फ्लाईओवर के पास उनको फेंक कर चले गए. एक पीसीआर वैन ने उनको घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाया. घटना के 11 दिनों के बाद निर्भया की मौत हो गई. उन छह आरोपियों के खिलाफ केस चला.
घटना के बाद सभी छह आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया. उनके खिलाफ बलात्कार, अपहरण और हत्या का मामला दर्ज हुआ. फास्ट ट्रैक में मामला चला. 13 सितंबर, 2013 को चार को फांसी की सजा सुनाई गई और नाबालिग को तीन साल की अधिकतम सजा के साथ सुधार केंद्र में भेज दिया गया. 13 मार्च, 2014 को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इस सजा को बरकरार रखा. फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है.
कल सुप्रीम कोर्ट इस चर्चित गैंग रेप केस में अपना फैंसला देगी .
बताते चले राम सिंह जो की गैंग रेप में शामिल था , उस रात जब निर्भया अपने दोस्त के साथ बस में चढ़ी तो उस वक्त ड्राइवर राम सिंह (32) ही गाड़ी चला रहा था. निर्भया के साथ गैंगरेप करने और लोहे की रॉड से हमला करने के बाद उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा. घटना के अगले दिन पकड़ा गया. 10 मार्च, 2013 को तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली.
एक अन्य आरोपी घटना के वक़्त नाबालिग था नतीजतन फास्ट ट्रैक कोर्ट में तीन साल की अधिकतम सजा के साथ सुधार केंद्र में भेजा गया. पिछले साल दिसंबर में सजा पूरी करने के बाद रिहा कर दिया गया.
बाकी के चार मुकेश सिंह , पवन गुप्ता , विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर फिलहाल तिहाड़ जेल में है .