महिलाओं के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच की योजना बना रही है मोदी सरकार, और भी सुविधाओं का हो सकता है ऐलान !!!

(Pi Bureau)

 

नई दिल्ली :  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जल्द ही महिलाओं को अनेक सुविधाओं को देने का ऐलान कर सकती है । केंद्र सरकार का मानना है कि देश की आधी आबादी अभी भी तमाम संसाधनों से वंचित है । इसी को ध्यान में रखते हुये मोदी सरकार सिंगल महिलाओं के लिए इनकम टैक्स की दर कम करने , आधार से जुड़े हेल्थ कार्ड बनाकर मुफ्त स्वास्थ्य जांच की सुविधा देने पर विचार कर रही है।  इसके साथ ही, सरकार गर्भवती महिलाओं के लिए कैशलेस मेडिकल सर्विस मुहैया कराने की योजना पर भी काम कर रही है।

मंत्रियो के समूह सुषमा स्वराज की अगुवाही में एक राष्ट्रीय नीति तैयार कर रहा है जिसे जल्द ही लाया जायेगा । इस नीति में अकेले जीवनयापन करनेवाली महिलाओं की आमदनी पर कम टैक्स लगाने का प्रस्ताव है क्योंकि मंत्री समूह ने महसूस किया कि ऐसी महिलाओं की तादाद बढ़ रही है। आंकड़े बताते हैं कि साल 2001 से 2011 के बीच इस कैटिगरी के महिलाओं की तादाद में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

 

इस राष्ट्रीय नीति में महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड्स पर लगने वाला टैक्स भी ख़तम किया जा सकता है  ताकि माहवारी के दौरान वह साफ़ सफाई का ध्यान रख सके । ऐसा इस नीति में कहा गया है । इस नीति ने यह भी प्रस्तावित किया है देश भर में महिलाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा सौचालय बने  । एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इस नीति में लैंगिक हिंसा की शिकार महिलाओं को मुफ्त चिकित्सा और कानूनी सहायता दिए जाने के साथ-साथ उन्हें आश्रय प्रदान कर उनकी काउंसलिंग किए जाने की भी व्यवस्था प्रस्तावित है।

इस राष्ट्रीय महिला नीति को जैसे ही कैबिनेट की मंजूरी तो सरकार बुजुर्ग और खासकर विधवा महिलाओं के जीवनयापन में मदद को प्राथमिकता देगी। लैंगिक भेदभाव की वजह से महिलाओं की देखभाल में कमी के मद्देनजर महिला नीति में हेल्थ कार्ड बनाने का प्रस्ताव शामिल किया गया है जिनके तहत महिलाओं को अनीमिया, विभिन्न प्रकार के कैंसर आदि बीमारियों की मुफ्त जांच, गर्भवती महिलाओं के लिए कैशलेस सर्विस और गंभीर बीमारियों की हालत में व्यापक स्वास्थ्य बीमा की सुविधा दी जाएगी। महिला कल्याण की दिशा में इन कदमों को ‘तत्काल कार्रवाई’ के योग्य माना गया है।

 

 

 

 

इस मंत्री समूह ने अपनी एक प्रस्ताव के विशेष सेक्शन में ‘शीघ्र कार्रवाई वाले क्षेत्रों’ की पहचान की गई है।इसके अलावा इस  समूह ने देश की वर्क फ़ोर्स में महिलाओं की तादाद 2030 तक 50 प्रतिशत तक बढाने का भी लक्ष्य रखा है जिसके तहत सरकार या एजेंसियों की ओर से आयोजित प्रतियोगी या प्रवेश परीक्षाओं में उपस्थिति के लिए महिलाओं को मुफ्त रजिस्ट्रेशन, मुफ्त कोचिंग और महिला कामगारों के लिए बड़े एवं छोटे शहरों में और ज्यादा हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराने पर बल दिया गया है।

 

राष्ट्रीय महिला नीति में प्रवासी भारतीय (एनआरआई) महिलाओं की भूमिका और उनके मुद्दों एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में उनके योगदान को भी उजागर किया गया है। इसमें भारत की विविध संस्कृति की सुरक्षा, संरक्षण और प्रचार में महिलाओं की भूमिका का जिक्र है। प्रस्तावित दस्तावेज में एक से ज्यादा विवाह, पति द्वारा छोड़ दिए जाने, घरेलू हिंसा और बच्चों पर बलपूर्वक हक जमाने जैसे मामलों से प्रभावित प्रवासी भारतीय महिलाओं की समस्याओं का भी जिक्र किया गया है।

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