प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन पद पर रहेंगे या नहीं, इस पर फिर सवाल उठने लगे हैं। अजय माकन ने माना है कि वे स्वास्थ्य की दृष्टि से पूरी तरह फिट नहीं हैं। उन्होंने त्यागपत्र नहीं दिया है, लेकिन आलाकमान को स्वास्थ्य के बारे में सूचित कर दिया है। उधर, आलाकमान लोकसभा चुनाव को देखते हुए जल्द ही फैसला ले सकता है कि दिल्ली में पार्टी माकन के नेतृत्व में उतरे या कमान किसी और को सौंपी जाए।
कांग्रेस ने अजय माकन के नेतृत्व में दिल्ली में हाल ही में राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार, अनधिकृत सीलिंग, पेट्रोल-डीजल की कीमतों व अन्य मुद्दों पर अभियान चलाया है। आरंभ में अजय माकन आगे रहे, लेकिन पिछले काफी अरसे से वे मंच से दूर रहे हैं। इसके पीछे वे खराब स्वास्थ्य का हवाला दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, अजय माकन ने भले त्यागपत्र देने से मना किया है, लेकिन स्वास्थ्य का हवाला देकर पद छोड़ने का तर्क रखा है। दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको अब तक इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात नहीं कर पाए हैं। अगले हफ्ते उनकी राहुल गांधी से मुलाकात संभव है। इसी में अजय माकन के भविष्य का फैसला हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, आलाकमान राजधानी में कांग्रेस की हालत पर चिंतित है। सत्ता में रही कांग्रेस अब तीसरे नंबर पर पहुंच चुकी है। हालात देखकर उसके जल्द ही ऊपर आने की संभावना भी नहीं दिखती। लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस को अपने स्तर पर दिल्ली में एक भी सीट नजर नहीं आ रही। आलाकमान इसीलिए जल्द ही हेरफेर के मूड में हैं।
सूत्रों के अनुसार, अजय माकन को हटाया जाता है तो विकल्प के रूप में दिल्ली में तीन बार मुख्यमंत्री रही श्रीमती शीला दीक्षित ही नजर आ रही हैं। ऐसा नही हुआ और किसी अन्य को कमान दी जाती है तो प्रदेश स्तर पर गुटबाजी बढ़ सकती है। उधर, पीसी चाको ने स्पष्ट कर दिया है कि वर्तमान में अजय माकन ही दिल्ली के अध्यक्ष हैं। वे जल्द ही राहुल गांधी से मिलने वाले हैं। यदि कोई निर्णय लिया गया तो मीडिया को बता दिया जाएगा।