(Pi Bureau)
नई दिल्ली : कश्मीर घाटी ने आज बुधवार को ऐसा मंजर देखने को मिला जिससे मानवता एक बार फिर तार तार हुयी । ऐसा माना और कहा जाता है कि दुश्मन की भी शवयात्रा का अपनान नहीं बल्कि सम्मान होना चाहिये , पर घाटी के पत्थरबाजों ने इस को झुठला दिया । कश्मीर के पत्थरबाजों ने मंगलवार रात शहीद हुए सेना के जवान की शवयात्रा को भी नहीं बख्शा। घाटी से मिल रही खबरों के मुताबिक घाटी में बुधवार को बेहद शर्मनाक नजारा पैदा हो गया जब शहीद लेफ्टिनेंट उमर फयाज की शवयात्रा पर भी पत्थर फेंके गए। आतंकियों द्वारा अगवा कर मौत के घाट उतारे गए इस शहीद को बुधवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
कुलगाम के रहने वाले फयाज इन दिनों छुट्टी पर चल रहे थे। इसी दौरान वह अपने चाचा की बेटी की शादी में शरीक होने बातापुरा गाँव गए हुए थे। यहां मंगलवार रात करीब 10 बजे आतंकियों ने उन्हें अगवा कर लिया और सुबह हरमन में गोलियों से छलनी उनका शव मिला। जम्मू-कश्मीर के शोपियां इलाके में हुई इस घटना के बाद सेना ने कश्मीर में छुट्टी पर गए जवानों को अलर्ट कर दिया है और बिना हथियार के कहीं भी न जाने की सलाह भी दी है है ।
पुलिस का कहना है कि आतंकी उमर को एक बाग में ले गए। आतंकियों ने वहां उन्हें 5 गोलियां मारीं। बाद में एक स्थानीय शख्स को उनका शव मिला, जिसकी जानकारी उसने पुलिस को दी। सेना ने बयान जारी कर कहा कि वह वीर जवान को सलाम करती है और दुख की घड़ी में सेना उनके परिवार के साथ खड़ी है।
22 वर्षीय लेफ्टिनेंट उमर फयाज कश्मीर के अखनूर में राजपूताना राइफल्स की यूनिट में तैनात थे। राजपूताना राइफल्स के लेफ्टिनेंट और साउथ वेस्टर्न कमांड के जनरल कमांडिंग ऑफिसर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्णा ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। अपने शोक संदेश में कृष्णा ने कहा कि सेना हर मौके पर शहीद के परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा, मैं खुद उनको यह भरोसा दिलाता हूं कि इस जघन्य अपराध के षडयंत्रकारियों को किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले साल हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षाबलों द्वारा मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से ही घाटी में हालात बहुत खराब हैं। यहां आए दिन पत्थरबाजी की घटनाएं होती रहती हैं। आतंकियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन में भी पत्थरबाजों द्वारा खलल डालने की खबरें आई थीं। इसके अलावा सीमापार से घुसपैठ और आतंकी हमलों की वारदातों में भी इजाफा हुआ है।
बता दें पिछले दिसंबर माह में ही शहीद शहीद लेफ्टिनेंट उमर फयाज ने सेना में बतौर डॉक्टर ज्वाइन किया था , और आने वाली 23 जून को वह अपना 23वा जन्मदिवस मनाने वाले थे । शहीद उमर हॉकी और वॉलीबाल के बेहतरीन खिलाडी भी थे । वह घाटी के उन पढ़े लिखे नौजवानों में शामिल थे जो मुख्यधारा में शामिल होकर कश्मीर के विकास का सपना देखते थे ।