नीति आयोग की टीम ने मुख्यमंत्री योगी के साथ की बैठक,कई अहम् योजनाओं को लागू करने पर हुई चर्चा !!!

(Pi Bureau)

 

लखनऊ, 10 मई : उत्तर प्रदेश के विकास का खाका पेश करने के लिए नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगड़िया बुधवार को अपनी टीम के साथ राजधानी पहुंचे। इस मौके पर योगी आदित्यनाथ के साथ कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बैठक में उप्र की अर्थव्यवस्था को सुदृढ बनाने के लिये 10 फीसदी की विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया।

 

योजना भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्य सरकार के मंत्रियों और आला अधिकारियों के सामने सूबे की तस्वीर बदलने का खाका प्रस्तुत किया गया। यह पहला मौका है जब पानगड़िया की अगुआई में नीति आयोग की टीम लखनऊ आयी थी।

 

बैठक की जानकारी देते हुये योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक दिवसीय बैठक के दौरान जिन अहम बिंदुओं पर चर्चा की गयी उसके मुताबिक किसानों की आय बढाने के लिये उत्पादन एवं उत्पादकता के साथ ही खाद्य प्रसंस्करण तथा अन्य प्रकार के मूल्य संवर्धन कार्य कलापों से जोडा जाएगा।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों के लिए जल्दी ही नई औद्योगिक नीति लाई जाएगी। नियमों एवं प्रक्रियाओं का सरलीकरण कर सिंगल विंडो सिस्टम लागू होगा जिससे लाल फीताशाही और इस्पेक्टर राज समाप्त हो सके। इसके अलावा टैक्स रिफार्म जैसे कदम भी उठाये जाएंगे।

 

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर को कम करके वर्ष 2030 तक 12 से 23 माह के बच्चों में शत प्रतिशत पूर्ण प्रतिरक्षण हो इस पर चर्चा हुई।

 

योगी ने कहा कि शिक्षा ही प्रदेश के उज्जवल भविष्य की कुंजी है। अतः प्रदेश की साक्षरता दर जो मात्र 67.68 प्रतिशत है, जिसमें पुरूष साक्षरता दर 77.28 प्रतिशत तथा महिलाओं की साक्षरता दर 57.18 प्रतिशत मात्र है। हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक सभी बालक एवं बालिकाओं के लिये निशुल्क समान एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुलभ बनाया जा सके।

 

योगी ने कहा कि पलायन को रोकने के लिये मूलभूत अवस्थापना सुविधाआें का विकास कर स्थानीय स्तर पर रोजगार देने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ सबको स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने, गिरते जलस्तर को रोकने तथा 250 से 499 तक की आबादी वाले गांवो को भी ऑल सीजन रोड से जोडने पर काम किया जाएगा।

 

उन्होने कहा कि सरकारी योजनाओं में बीपीएल परिवारों को मिलने वाला लाभ सही व्यक्ति को मिल सके, इसके लिये प्रत्येक 5 वर्षों में बीपीएल सर्वे कराये जाने की योजना है। साथ ही बुंदेलखंड पैकेज की अवधि समाप्त होने की वजह से इसके विस्तार की भी मांग की गयी है।

 

 

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