सीलिंग विवाद पर मनोज तिवारी ने कहा- जज तो एसी कमरों में रहते हैं, जनता सवाल तो मुझसे करती है

गोकलपुरी में सीलिंग तोड़ने के मामले में चल रहे केस में आज बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में बड़ी बात कह दी। उसने तिवारी की तरफ से कहा कि, ‘मनोज तिवारी ने एक सील किए गए परिसर का लॉक तोड़कर कोई भी ऐसा काम नहीं किया है जिससे अदालत की अवमानना होती हो।’

तिवारी का पक्ष रखते हुए उनके वकील ने आगे कहा कि, ‘जज तो अपने आरामदायक एसी रूम  में बैठे रहते हैं जहां कोई उनसे सवाल नहीं पूछने आता। लोग मुझसे सवाल पूछते हैं, मैं उनके प्रति जिम्मेदार हूं।’

इससे पहले भी तिवारी ने कोर्ट में कही थी ऐसी बात

इससे पहले हुई सुनवाई में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे और सीलिंग मुद्दे पर हलफनामा दाखिल किया था। इस हलफनामे में उन्होंने कहा था कि वह सीलिंग तोड़ने के लिए माफी नहीं मांगेंगे। भाजपा सांसद ने तो कोर्ट में यहां तक कह दिया था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी मॉनिटरिंग कमेटी भंग करें और वो अफसर बनने को तैयार हैं।

मनोज तिवारी ने अपने हलफनामे में कहा, मैं सीलिंग तोड़ने के लिए माफी नहीं मांगूंगा। दिल्ली के लोगों को राहत देने और कानून का राज स्थापित करने के लिए मैं सीलिंग अफसर बनने को तैयार हूं। सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग कमेटी को बंद कर दे और मुझे सीलिंग की कार्रवाई करने में मदद करने दें।

गौरतलब है कि मनोज तिवारी ने 16 सितंबर को दिल्ली के गोकलपुरी गांव में एक मकान की सीलिंग तोड़ी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी करते हुए 25 सितंबर को अदालत में पेश होने को कहा था।

25 सितंबर को हुई सुनवाई में अदालत ने मनोज तिवारी को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा था कि अगर उन्हें सीलिंग की इतनी जानकारी है तो क्यों न उन्हें सीलिंग अफसर बना दिया जाए। कोर्ट ने तिवारी को 3 अक्टूबर तक हलफनामा दायर करने को कहा था।

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