बहुचर्चित मेरठ के हाशिमपुरा नरसंहार मामले में दिल्ली हाईकोर्ट बुधवार को अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने आरोपी बनाए गए पीएससी के 16 जवानों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था, जिसे पीड़ित पक्ष ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
21 मार्च 2015 को निचली अदालत ने अपने फैसले में सभी 16 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। अदालत ने कहा था कि अभियोजन पक्ष आरोपियों की पहचान और उनके खिलाफ लगे आरोपों को बिना शक साबित नहीं कर पाया।
ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को यूपी सरकार राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और कुछ अन्य पीड़ितों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इसके अलावा भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी याचिका दायर कर तत्कालीन मंत्री पी चिदंबरम की भूमिका की जांच के लिए अलग से याचिका दायर की थी। अदालत ने सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। हालांकि मामले में 17 आरोपी बनाए गए थे लेकिन ट्रायल के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई थी।