दाती महाराज रेप केस को लेकर इस महिला ने किया बड़ा खुलासा, दिखाए ऐसे सबूत पुलिस भी चौंकी

दाती महाराज पर अब राजस्थान के पाली की रहने वाली महिला ने दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं। इसके बाद दाती महाराज की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब पाली में रहने वाली एक महिला ने कोर्ट में परिवाद पेश कर दाती मदन पर आश्रम में रहने वाली लड़कियों के साथ दुष्कर्म, मानव तस्करी, फर्जी ट्रस्ट बनाकर धोखा देने एवं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप लगाए हैं। परिवाद पर सुनवाई 16 नवंबर को होगी। महिला के वकील ने बताया कि परिवाद सोजत के एसीजेएम कोर्ट में दाखिल किया गया है। महिला ने दाती के आश्रम को कई बार चंदा दिया है।

आश्रम में उसके जाने से पता चला कि बच्चियों के साथ गलत हो रहा है। इधर, दाती के वकील ने आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि दाती उक्त महिला से कभी मिले ही नहीं। गौरतलब है कि नौ जून को दिल्ली में एक शिष्या ने दाती और उसके भाइयों पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने हाल ही केस दर्ज कर नए सिरे से जांच शुरू की है।

वहीं यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी दाती की याचिका पर हाईकोर्ट दो नवंबर को सुनवाई करेगा। दाती के वकील ने याचिका में आरोप लगाया है कि शिकायतकर्ता ने कई सूचना छिपा ली है और पीठ के समक्ष भी उन्हें गोपनीय रखा है। दाती ने उच्च न्यायालय के तीन अक्टूबर के उस आदेश पर पुनर्विचार के लिए आग्रह किया है जिसमें उनके खिलाफ दायर मामले की जांच दिल्ली पुलिस अपराध शाखा से लेकर सीबीआई को सौंप दी गई।

मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति ए.जे भाम्भानी ने कहा कि पुनर्विचार याचिका पर दलील उनकी पीठ ही सुनेगी और पूर्व का आदेश मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने जारी किया था। दाती के वरिष्ठ वकील एन.हरिहरन ने कहा कि याचिका शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्वयंभू उपदेशक को उनकी शिकायत के लिए हाईकोर्ट जाने को कहा था। वकील ने दावा किया कि शिकायतकर्ता ने अदालत से कुछ बातें छिपाईं और सुनवाई के दौरान भी उन्हें गोपनीय रखा।

जस्टिस राव मंगलवार को छुट्टी पर थे। सीबीआई के एक अधिकारी ने सीलबंद लिफाफे में अदालत के समक्ष जांच की स्थिति रिपोर्ट पेश की। एजेंसी ने 26 अक्टूबर को दाती के खिलाफ बलात्कार और अप्राकृतिक यौनाचार का मामला दर्ज किया था। पीठ दो याचिकाओं पर भी सुनवाई कर रही है। इनमें से एक याचिका शिकायतकर्ता की है और दूसरी याचिका में सीबीआई को मामला सौंपे जाने की मांग की गई है। ये याचिकाएं वकील जोगिंदर तुली के जरिये दायर की गई हैं।

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