(Pi Bureau)
लखनऊ । राजधानी के गांधी प्रेक्षागृह में प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की 160 वीं वर्षगांठ के अवसर पर दो दर्जन से ज्यादा संस्थाओं ने मिलकर संविधान की रक्षा के संदर्भ में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया । आज ही के दिन सन् 1857 में प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल बजा था और इसी संग्राम की साक्षात गवाह राजस्थानी की रेजीडेंसी के सामने यह आयोजन किया जा रहा था । आयोजन के प्रथम सत्र में अपने विचार व्यक्त करते हुए मशहूर समाजसेवी तीस्ता सीतलवाड़ ने जमकर बीजेपी और आरएसएस पर हमला बोला । उन्होंने कहा यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत 11 जगहों पर अपरोक्ष रूप से आरएसएस की सरकार बैठी है जोकि गैर संविधानिक है । गोरे अंग्रेजों की जगह देश में काले अंग्रेज शासन कर रहे हैं और इन लोगों ने ऐसे कानून पारित किए हैं जो आने वाले समय के लिए बहुत खतरनाक है । आर एस एस और बीजेपी के खिलाफ आंदोलन करने के लिए सभी दलों का आवाहन करते हुए तीस्ता ने कहा कि मोदी जन जंगल कानून को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं और जनता तथा नेता चुप है, बहुत ही चिंताजनक स्थिति है इसीलिए सभी विपक्षी दल अपने हितों से आगे बढ़कर समाजिक मुद्दों पर आंदोलन खड़ा करें और अपनी आपस की दुकानदारी बंद करें । तीस्ता ने कहा कि हालांकि कई पार्टियों ने निजीकरण पर जोर दिया पर है पर अब अंबानी, अडानी और रामदेव के खिलाफ पूरे विपक्ष को एकजुट होना ही पड़ेगा । गंदी राजनीति का शिकार हुए अल्पसंख्यकों की बात करते हुए कहा कि अब ये फासीवादी हमारे प्रेम हमारे खाने-पीने और हमारे कारोबार पर भी धर्म के नाम पर अंकुश लगा रहे हैं । किसानों व व्यवसायियों की हत्या हो रही है और गोरक्षक सरकार चला रहे हैं। गोरक्षक बार- बार मारकाट कर एक बड़े व्यवसाय को समाप्त कर देना चाहते हैं पर वह यह बताएं कि एक उम्र के बाद जानवरों का क्या किया जाएगा ? ब्रीफ का एक्सपोर्ट कौन कर रहा है ? लोग सच्चाई जानते हैं पर नेता और जनता दोनों खामोश हैं । तीस्ता ने कहा ये फासीवादी तरीका है । उन्होंने कहा कि रेलवे टिकट का कैंसिलेशन कराने पर 15 दिन पहले ही सरकार 45 प्रतिशत कटौती कर लेती है जो कि जनता पर सीधा हमला है पर सब खामोश हैं । संविधान की रक्षा करने की बात करते हुए तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की राजनीति करना गैर संविधानिक है और जो लोग ऐसा कर रहे हैं इसका मतलब उनको भारतीय संविधान मंजूर नहीं है । उन्होंने कहा कि देश मनुस्मृति और गीता सीता पर चलने लगा है संविधान पर नहीं । पहले सत्र में बोलते हुए इप्टा के महासचिव राकेश सिंह ने कहा कि हमारे सामने यह ऐतिहासिक रेजीडेंसी है जिस पर लगा ब्रिटिश झंडा भारतीय क्रांतिकारियों ने उखाड़ फेंका था और उसी प्रकार हमें फासीवादी ताकतों को उखाड़ फेंकना है । राकेश सिंह ने कहा कि यह फासीवाद नागपुर से भगवा झंडा लेकर आये है और इनको भगाने के लिए इनका झंडा छीनना पड़ेगा, झंडा छिनते ही ये वापस नागपुर भाग जाएंगे । उन्होंने कहा कि आरएसएस ने नागपुर के संघ भवन पर कभी तिरंगा फहराया नहीं और आज राष्ट्रवाद की बात कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि दुनिया में अब डेमोक्रेसी नहीं बल्कि कारपोरेटेसी हो गई है । जब धर्म और सत्ता एक हो जाये तो संविधान बचाने के लिए जनता को निकलना ही पड़ता है । उन्होंने कहा आदिवासी आज भी देश की खनिज व वन संपदा को संभाल रहे हैं और यह फासीवादी उन्हीं की हत्या करने पर उतारू हैं । इप्टा द्वारा संघर्ष को आगे बढ़ाने की बात करते हुए राकेश सिंह ने कहा कि विदर्भ और बुंदेलखंड नेता में लगातार जन जागरण के कार्यक्रम आरंभ कर दिए जाएंगे । पहले सत्र को दीपक मलिक, प्रो० रूपरेखा वर्मा, एस आर दारापुरी आदि ने सम्बोधित किया ।
भोजन के बाद दूसरे सत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखे जिनमें समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी सीटीआई एनसीपी सीपीएम राजद यूपी जनमंच के प्रतिनिधियों ने बीजेपी और आरक्षण के खिलाफ आन्दोलन बुलंद करने की बात रखी । सेमिनार का आयोजन करने वालों में ऑल इंडिया एग्रीकल्चरल वर्कर्स यूनियन, ऑल इंडिया एक्शन, गुमटी व्यवसाय कल्याण समिति, ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क, इप्टा यूपी, जन संस्कृति मंच, मजदूर यूनियन, रीज़न फॉर जस्टिस एंड पीस, भारतीय निर्माण मजदूर यूनियन, सनतकदा सामाजिक पहल, स्त्री मुक्ति संगठन, मीट मुर्गा व्यापार मंडल, भारतीय महिला संगठन आदि सहित पूरे देश भर से आए हुए संस्थाओं और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया ।