मुंबई: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने तथा अमेरिका द्वारा ईरान से तेल आयात पर प्रतिबंधों से भारत को छूट देने की संभावना बढ़ने के बीच शुक्रवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 100 पैसे उछलकर 72.45 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. शेयर बाजार में तेजड़ियों का जोर चलने और विदेशी कोषों की ओर से नया निवेश आने से भी रुपये की धारणा मजबूत हुई. पिछले दो दिन में रुपया 150 पैसे मजबूत हुआ है. गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में 50 पैसे की मजबूती आई थी.
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, रुपया 73.14 प्रति डॉलर के भाव पर मजबूत खुला. कारोबार के दौरान यह एक समय 102 पैसे की तेजी के साथ 72.43 के दिन के उच्चतम स्तर को छू गया. अंत में तेजी 100 पैसे रही. बाजार बंद होने के समय विनिमय दर 72.45 रुपये प्रति डॉलर थी. सितंबर 2013 के बाद रुपये का यह सबसे मजबूत स्तर है. कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट से चालू खाते के घाटे (कैड) के बढ़ने की चिंता कुछ कम हुई है. इससे रुपये में सुधार में मदद मिली है. बंबई सूचकांक शुक्रवार को 580 अंकों की तेजी के साथ 35,011.65 अंक पर बंद हुआ.
इसलिए आई रुपये में तेजी
बाजार सूत्रों ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर अक्टूबर महीने के दौरान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह एक लाख करोड़ के स्तर को लांघ गया जबकि कारोबार करने की सुगमता के संदर्भ में विश्व बैंक की ताजा सूची में भारत 23 स्थान सुधरकर 77वें स्थान पर पहुंच गया. आर्थिक मोर्चे पर इन अनुकूल समाचारों से कारोबारी धारणा में सुधार हुआ. इसके अलावा, कारोबारियों ने कहा कि बैंकों एवं निर्यातकों की डॉलर बिकवाली तथा अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के कमजोर होने से भी रुपये को मजबूती मिली. उन्होंने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों के बढ़त में खुलने से भी रुपये को समर्थन मिला.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें अप्रैल के बाद सबसे निचले स्तर हैं क्योंकि तेल उत्पादक देशों की ओर से उत्पादन अपने उच्चतम स्तर है. इसके उलट कच्चे तेल की वैश्विक मांग में कमी देखी जा रही है. अगर यह धारणा मजबूत रही तो आने वाले दिनों में रुपये में और मजबूती देखने को मिल सकती है.