(Pi Bureau)
नई दिल्ली : आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के खिलाफ अपने कमांडर जाकिर मूसा के बयान से खुद को अलग कर लिया है, जिसके बाद मूसा ने संगठन से अलग होने की घोषणा की है. बुरहान वानी की मौत के बाद हिज्बुल मुजाहिदीन की कमान संभालने वाले मूसा ने कहा है कि हिज्बुल मुजाहिदीन अगर उसका प्रतिनिधित्व नहीं करता तो वो भी उसके साथ नहीं है. शनिवार के बाद उसका हिज्बुल मुजाहिदीन से कोई नाता नहीं होगा.
बता दें कि सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक ऑडियो में हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर जाकिर मूसा ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर हुर्रियत नेताओं ने कश्मीर मामले को ‘राजनीतिक’ बताया तो वह उनके सिर काटकर उन्हें लाल चौक पर लटका देगा. जाकिर ने आॅडियो मैसेज में कहा, ‘मैं उन सभी पाखंडी हुर्रियत नेताओं को चेतावनी दे रहा हूं. उन्हें हमारी इस्लामिक लड़ाई में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. अगर वे ऐसा करते हैं, तो हम उनके सिर काटकर उन्हें लाल चौक पर लटका देंगे.’
वहीं, हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रवक्ता सलीम हाशमी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद से शनिवार को कहा कि मूसा के बयान से संगठन का कोई लेना-देना नहीं है और न ही यह इसे स्वीकार्य है. मूसा के बयान हाशमी ने उसका ‘निजी विचार’ बताया.
हिजबुल प्रवक्ता के बयान के बाद मूसा ने सफाई देते हुये कहा कि उसने किसी ख़ास व्यक्ति को लेकर बात नहीं कही बल्कि ,’मैंने केवल उस शख्स के विरुद्ध कहा है, जो इस्लाम के खिलाफ है और एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के गठन के लिए आजादी की बात करता है. हम इस्लाम की खातिर आजादी की जंग लड़ रहे हैं. मेरा रक्त इस्लाम के लिए बहेगा न कि किसी धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के लिए.’
मूसा ने सोशल मीडिया में वायरल हो रहे आॅडियो मैसेज में कहा था कि कश्मीर में शरीयत लागू करने को लेकर उसकी लड़ाई का उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है न कि वह कश्मीर मुद्दे को राजनीतिक संघर्ष बताकर उसका समाधान चाहता है. माना जा रहा है कि इस सप्ताह की शुरुआत में कश्मीरी सैन्य अधिकारी उमर फैयाज की हत्या में हिजबुल मुजाहिदीन का हाथ है.
वहीं, पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने कहा कि पुलिस ने आवाज का विश्लेषण कराया और पाया कि ऑडियो में आवाज मूसा की है. इस क्लिप को कश्मीर में जारी आतंकवाद में एक चिंताजनक मोड़ आने के रूप में देखा जा रहा है जो अब तक इस्लाम या जिहाद की जगह व्यापक रूप से तथाकथित आजादी या राज्य को पाकिस्तान में मिलाने तक सीमित रहा है . क्लिप ऐसे समय सामने आई है जब हुर्रियत नेताओं ने घाटी में आईएसआईएस की विचारधारा के प्रभाव को हाल में कमतर करना चाहा .
इस सप्ताह के शुरू में सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक जैसे हुर्रियत नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा था कि कश्मीर संघर्ष का आईएसआईएस, अलकायदा तथा ऐसे अन्य संगठनों से कोई लेना-देना नहीं है.