(Pi Bureau)
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी से निलंबित विधायक और दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा, अरविंद केजरीवाल के खिलाफ हजारों पन्नों के साथ मीडिया के सामने आए. अनशन के पांचवें दिन कपिल मिश्रा ने कहा कि इनकी जानकारियों का अंदाजा कुछ लोगों को होगा. उन्होंने करोड़ों के लेन देन के बारे में ब्योरा रखा. उन्होंने बताया कि किस प्रकार फर्जी कंपनियों से लेन देन किया गया. कैसे सैकड़ों की संख्या में फर्जी कंपनियों से पार्टी को फंड दिया गया और पार्टी ने इसकी जानकारी चुनाव आयोग और आयकर विभाग से छिपाई. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि पांच लोगों की विदेश यात्राओं के बारे में पार्टी जानकारी नही ं दे रही है. यह सारा खेल हवाला का है और कालाधन को सफेद करने का है.
मिश्रा ने कहा कि देश के साथ धोखा हुआ है. उन्होंने कहा कि इस अनशन को जबरजस्ती ने तुड़वाया जाए. उन्होंने यह मांग गृहमंत्री, एलजी और दिल्ली पुलिस से की.
कपिल मिश्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने देश की जनता से चंदा को लेकर धोखा दिया. नकली कंपनियों का नेटवर्क तैयार किया गया. कालेधन के सफेद किया गया. मिश्रा का आरोप है कि इसमें अरविंद केजरीवाल के निजी लोग शामिल हैं. आज इस बात को लेकर सीबीआई में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर धोखा दिया गया. नील नाम के एक शख्स का परिचय कराने के बाद उन्होंने कहाकि इन्होंने यह कागज एकत्र किए हैं.
मीडिया से बात करते हुए मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल का एक वीडियो दिखाया. इसमें अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि हमने किसी से गलत पैसा नहीं लिया. नहीं तो सरकार बनने के बाद ऐहसान चुकाना पड़ता है. वे कह रहे हैं कि पार्टी चलाने के लिए पैसा चाहिए. सरकार बनने के बाद उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए पैसा चाहिए. उन्होंने कहा कि गलत लोगों से गलत पैसा लेने के बाद उनके लिए काम करना पड़ता है.
मिश्रा ने कहा कि 2013-14 को पार्टी के अकाउंट में जो पैसा था उसका हिसाब कितान चुनाव आयोग से छिपाया गया. जो अकाउंट में पैसा था उसकी डिटेल भी पार्टी की वेबसाइट पर नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी सच नहीं बताया गया.
तीन साल के बाद आयकर विभाग के नोटिस में इन्होंने चुनाव आयोग को अमाउंट बदलकर जवाब दिया. 2015-16 में बैंक में 65 करोड़ से ज्यादा पैसा था, लेकिन चुनाव आयोग को बताया गया 32 करोड़ का हिसाब किताब. और वेबसाइट पर भी अलग अमाउंट डाले गए. कई बोगस एंट्री की गई. उन्होंने कहा कि कई चुनाव आयोग से लगातार तीन साल तक जानकारी छिपाई गईं. साथ ही कहा कि आयकर विभाग से सभी बातें छिपाई गईं.
कई बोगस कंपनियों को आयकर विभाग ने पकड़ा. दो करोड़ का हिसाब किताब विभाग ने पकड़ा जिसे अरविंद केजरीवाल ने नकार दिया. उन्होंने कहा कि उनके पास इसकी जानकारी नहीं है. कोई भी चंदा दे सकता है. मेरे अकाउंट में कौन पैसा डाल रहा है उसके बारे में मैं क्या कह सकता हूं. (मिश्रा के अनुसार)
उन्होंने कई कंपनियों के नाम लेकर आरोप लगाया कि इन फर्जी कंपनियों का रिश्ता अरविंद केजरीवाल से हैं या फिर उनके करीबियों की हैं. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को इन सारी बातों की जानकारी थीं. करीब 16 फर्जी कंपनियों से लेन देन किए गए हैं. उन्होंने कुछ ऐसे आदमियों के नाम भी लिए जिनके नाम से चंदा दिए गया. इनमें कई के खाते उसी एक्सिस बैंक की शाखा से हैं जहां नोटबंदी के दौरान छापा मारा गया था. ये कृष्णानगर ब्रांच का किस्सा है.
उन्होंने कहा कि अधिकतर चंदे रात के 12 बजे के करीब आए. यहां पर कालाधन के सफेद करने का काम किया गया. उन्होंने कहा कि ये फर्जी कंपनियों बनाने वाले चार्टेड अकाउंटेंट एक है. इसे ईडी ने गिरफ्तार कर रखा है. इस पर नोटबंदी के दौरान फर्जीवाड़े का आरोप है.
आम आदमी पार्टी से निकाले गए करावल नगर के विधायक कपिल मिश्रा के नए खुलासे से कुछ घंटे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है. एंटी करप्शन ब्यूरो ने केजरीवाल के राजनीतिक सलाहकार विभव को नोटिस भेजा है. एसीबी उनसे टैैंकर घोटाले के संबंध में कपिल के आरोपों और साक्ष्यों के आधार पर सवाल जवाब करेगी.
कपिल मिश्रा ने जब टैंकर घोटाले को लेकर पिछले दिनों उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की थी तो उन्होंने एसीबी को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे. कपिल मिश्रा ने केजरीवाल पर दो करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया था. साथ ही उनके राजनीतिक सलाहकार आशीष तलवार व निजी सचिव विभव पटेल पर टैंकर घोटाले की फाइल दबाकर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बचाने का आरोप भी लगाया था.