चालू खाता घाटा के बढ़ने और मुद्रास्फीति से जुड़ी आशंकाओं के आसान होने के साथ ही वैश्विक बाजारों में कच्चा तेल के लगातार टूटने से बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 67 पैसे मजबूत होकर 72 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच ग्या. कच्चा तेल एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है. कारोबारियों ने कहा कि निर्यातकों एवं बैंकों की डॉलर बिकवाली तथा विदेशी बाजारों में अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के नरम पड़ने से भी रुपये को मजबूती मिली है.
65 डॉलर प्रति बैरल पर आया कच्चा तेल
इसके अलावा घरेलू शेयर बाजारों के बढ़त में खुलने से भी रुपये को समर्थन मिला. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कच्चा तेल की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए ओपेक एवं सऊदी अरब से धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाने की रणनीति पर कायम रहने के आह्वान के बाद कच्चा तेल करीब 7 प्रतिशत गिरकर एक साल के निचले स्तर 65 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.
रुपया मजबूत होकर 72.18 रुपये प्रति डॉलर पर खुला और कुछ ही देर में 67 पैसे की बढ़त बनाकर 72 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया. रुपया मंगलवार को 22 पैसे मजबूत होकर 72.67 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 494.95 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की. इस बीच सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 156.56 अंक यानी 0.45 प्रतिशत मजबूत होकर 35,301.05 अंक पर रहा.