जेपी इन्फ्रा को खरीदने के लिए इन पांच कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी

कर्ज में फंसी जेपी इन्फ्राटेक लि. (जेआइएल) का अधिग्रहण करने में पांच कंपनियों एनबीसीसी, कोटक इन्वेस्टमेंट, एलएंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिंगापुर की क्यूब हाईवे और सुरक्षा ग्रुप ने दिलचस्पी दिखाई है। नोएडा व ग्रेटर नोएडा समेत पूरे दिल्ली एनसीआर में कई हाउसिंग प्रोजेक्ट विकसित कर रही जेपी इन्फ्रा पर नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) में दिवालिया कार्रवाई चल रही है।

जेपी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी जेआइएल 32000 फ्लैट बना रही है। इसमें से वह सिर्फ 9500 फ्लैटों का पजैशन दे पाई है। जेपी इन्फ्रा के अंतरिम रिजोल्यूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) अनुज जैन ने एनसीएलटी के निर्देश पर कंपनी के पुनरुद्धार के लिए अक्टूबर में फिर से आवेदन आमंत्रित किए थे। इससे पहले सुरक्षा ग्रुप द्वारा दाखिल किए गए प्रस्ताव को कंपनी के कर्जदारों ने अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद जैन ने कंपनियों से दोबारा अभिरुचि पत्र (ईओआइ) आमंत्रित किए। पांच कंपनियों ने ईओआइ दाखिल किए हैं।

इन पांच कंपनियों में से एलएंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट्स ने सिर्फ 165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेसवे में दिलचस्पी दिखाई है। उसने इससे लगी जेआइएल के भूखंडों को विकसित करने में रुचि नहीं दिखाई है। सरकारी क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी ने बीएसई में मंगलवार को जानकारी दी कि उसने जेआइएल के लिए ईओआइ दाखिल किया है। आइआरपी ने उसे संभावित आवेदक के रूप में चुन लिया है।

सुरक्षा असेट रिकंस्ट्रक्शन ने लक्षदीप इन्वेस्टमेंट्स एंड फाइनेंस और सुरक्षा रियल्टी के साथ मिलकर जेआइएल के लिए अभिरुचि पत्र दाखिल किया है। पिछले साल एनसीएलटी ने आइडीबीआइ बैंक की अगुआई वाले कंसोर्टियम के आवेदन को स्वीकार करते हुए कंपनी पर दिवालिया कार्रवाई शुरू की थी। जेआइएल पर 9800 करोड़ रुपये कर्ज बकाया है। इसमें से 4334 करोड़ रुपये आइडीबीआइ बैंक का है। बाकी कर्ज अन्य कई बैंकों का है। उन्होंने एनसीएलटी में कार्रवाई शुरू की थी। 

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