(Pi bureau)
इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) गुरुवार को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर अपना फैसला सुनाते हुये पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगते हुये उसको कांसुलर मदद देने की भी बात कही । भारत ने पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा जाधव को फांसी की सजा के खिलाफ ICJ में अपील की थी। दो दिन पहले हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भारत और पाकिस्तान की दलीलों को सुना था। भारत की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने पक्ष रखा था। इसी मामले में इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस 11 सदस्य वाली पीठ के अध्यक्ष है जस्टिस रॉनी अब्राहम हैं। आज रॉनी अब्राहम ने ही मामले की सुनवाई करते हुए कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है। उन्होंने मामले का फैसला होने तक पाकिस्तान को कुलभूषण को फांसी न देने के निर्देश दिए हैं।
आइए बताते हैं आपको कौन हैं जस्टिस रॉनी अब्राहम।
जस्टिस जॉनी अब्राहम का जन्म 5 सितंबर 1951 को मिस्र में हुआ था । उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई के बाद , 1973 में पेरिस यूनिवर्सिटी से पब्लिक लॉ में डिप्लोमा किया। वर्ष 1998 में रॉनी अब्राहम पेरिस में ही अंतराराष्ट्रीय कानून के प्रोफेसर बन गए । इससे पहले 1978 से 1988 तक वे एडमिनिस्ट्रेटिव कोर्ट में बतौर जज की हैसियत से अपनी सेवाएं दे रहे थे। इसी बीच (1986-87) रॉनी को विदेश मंत्रालय के कानूनी मामलों का असिस्टेंट डायरेक्टर भी बनाया गया। 1998 से 2005 रॉनी अब्राहम फ्रांस के विदेश मंत्रालय में कानूनी मामलों के डायरेक्टर रहे । इसी दौरान रॉनी अब्राहम को बहुत से केसों में अंतरराष्ट्रीय और यूरोपियन कोर्ट में फ्रांस की ओर से पैरवी करने का मौका मिला । 2005 से ही रॉनी इंटरनेशल कोर्ट ऑफ जस्टिस के सदस्य बनाये गए । 6 फरवरी 2015 में उन्हें कोर्ट का प्रेसिडेंट चुन लिया गया, अपनी भाषा में कहें तो वे इसी तारीख से कोर्ट के मुख्य न्यायधीश हैं।