(Pi Bureau)
नई दिल्ली : हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सजा दिए जाने की सजा पर रोक लगा दी है । हेग में अदालत के अध्यक्ष रोंनी अब्राहम के इस निर्णय के बाद भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने और उसे मानने की नसीहत दी है। गौरतलब है कि फैसले से तिलमिलाए पाकिस्तान ने ICJ का आदेश मानने से इनकार कर दिया है। बता दें कि ICJ ने गुरुवार को दिए अपने फैसले में अंतिम निर्णय आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने साथ ही भारत को जाधव तक राजनयिक पहुंच (कांसुलर असेस ) देने का भी आदेश दिया था।
इस निर्णय के आने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘भारत अपने नागरिक जाधव को बचाने के लिए हर संभव कोशिश करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘ICJ का फैसला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानूनी रूप से बाध्य है। भारत कानून का पालन करने वाला देश है। हम मानकर चल रहे हैं कि ICJ के इस फैसले का पडोसी देश भी पालन करेगा।’ । उन्होंने कोर्ट के फैंसले पर कहा “ कोर्ट के फैंसले से हमसब को राहत मिली है । जाधव मामले में प्राकर्तिक इंसाफ मिलने की दिशा में यह पहला कदम है ।
बताते चले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले महीने संसद में कहा था कि जाधव को न्याय दिलाने के लिए भारत हरसंभव कदम उठाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपने नागरिक को बचाने के लिए पूरी कोशिश करेगा।’
पाकिस्तान में कूटनीतिक और कानूनी विश्लेषकों का कहना है कि आईसीजे में पाकिस्तानी वकील अपने पक्ष को मजबूती के साथ रखने में विफल साबित हुए हैं। पाकिस्तान के रिटायर्ड जस्टिस शेख उस्मानी ने कहा कि आईसीजे के पास फैसले देने का अधिकार नहीं हैं। यह पाकिस्तान की गलती है कि वह इस केस के लिए आईसीजे की बहस में शामिल हुआ। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था। हमने अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मारी है। पाकिस्तान में यह केस चलता रहेगा। हालांकि कोर्ट के ऑर्डर के बाद फांसी पर रोक लग चुकी है।
लंदन में रह रहे बैरिस्टर राशिद असलम ने कहा कि पाकिस्तान पूरी सुनवाई के दौरान बेहद ही अप्रभावी था। सुनवाई के लिए निर्धारित 90 मिनटों का सही इस्तेमाल नहीं किया जिसमें से 40 मिनट बेवजह खराब कर दिए गए, जिसकी वजह से उसे मुंह की खानी पड़ी।
वहीं पूर्व अटॉर्नी जनरल इरफान कादिर ने कहा बताया कि हमारे वकील अनुभवहीन थे। मुझे इस निर्णय से बहुत बड़ा झटका लगा है। उन्होंने कोर्ट के फैसले को प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन करार दिया। हमारी दलीलें बेहद ही कमजोर साबित हुई।
उधर ICJ में जाधव मामले में हार मिलने के बाद पाकिस्तान तिलमिला गया है। पाकिस्तान ने ICJ के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देते हुए उसका फैसला मानने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नसीफ जकारिया ने कहा, भारत जाधव मामले को मानवीय नजरिए से पेश कर पूरी दुनिया का ध्यान भटकाना चाहता है। भारत एक ऐसे व्यक्ति को बचाना चाहता है जिसके कारण पाकिस्तान में कई निर्दोष मारे गए।’ जकारिया ने कहा, ‘जाधव मामले पर ICJ में हम ठोस सबूत रखेंगे। ICJ ऐसे फैसले पहले भी दे चुका है। राष्ट्रहित में ICJ का यह फैसला पाकिस्तान को मंजूर नहीं है।’ उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने भारतीय नगारिक जाधव को मार्च में फांसी की सजा सुनाई थी।