गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सुनवाई के दौरान उद्योगपति विजय माल्या के वकील ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में उनके क्लाइंट देश से बाहर गए, संदिग्ध परिस्थितियों में नहीं. मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) कानून के तहत भगोड़ा घोषित करने की अपील की गई है. न्यायाधीश एम एस अज्मी के समक्ष अपनी दलील रखते हुए माल्या के वकील अमित देसाई ने कहा कि उनके मुवक्किल प्रवासी भारतीय (एनआरआई) है और उनका स्थायी पता लंदन का है. उनका देश के साथ विदेश में भी अच्छा खासा कारोबार है.

माल्या पर ईडी ने 9,000 करोड़ रुपये का ऋण नहीं चुकाने का आरोप लगाया है. इसके अलावा उन पर कुछ कर्ज को इधर उधर करने का भी आरोप है. देसाई ने ईडी की अपील का विरोध करते हुए कहा कि माल्या ने उनकी कंपनियों को दिए गए कर्ज के मामले में ऋण वसूली न्यायाधिकरण का पूरा सहयोग किया है. देसाई ने कहा कि माल्या 2 मार्च 2016 को जर्मनी होते हुए लंदन गए. वहां वह वर्ल्ड मोटरस्पोर्ट्स सम्मेलन में निदेशक के रूप में शामिल हुए. देसाई ने बताया कि माल्या फॉर्मूला वन टीम फोर्स इंडिया के मालिकों में से एक हैं. जांच एजेंसियों ने दावा किया था कि माल्या संदिग्ध परिस्थितियों में देश छोड़कर गए हैं.