मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट को आधार से लिंक कराना हो सकता है जरुरी, सरकार कानून में संशोधन की तैयारी में

केंद्र सरकार टेलीग्राफ अधिनियम और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम में संशोधन पर विचार कर रही है ताकि मोबाइल नंबर और बैंक खातों से आधार को जोड़ने का कानूनी विकल्प उपलब्ध कराया जा सके। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस बाबत एक प्रस्ताव भी दे दिया है जिसमें कानूनी बारीकियों पर विस्तार से बात की गई। हालांकि इस प्रस्ताव पर फिलहाल वित्त एवं टेलिकॉम मंत्रालय समेत अन्य स्टेक होल्डर विचार कर रहे हैं।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि इस प्रस्ताव में उस वर्चुअल टोकन को पहचानने (जिसका उपयोग वास्तविक आधार संख्या को साझा करने से रोकने के लिए किया जाता है) के लिए आधार अधिनियम में संशोधन भी शामिल है। यूआईडीएआई ने इन नियमों के माध्यम से इस टोकन को उपलब्ध कराया है, लेकिन अब इसके लिए सख्त कानूनी समर्थन की मांग की जा रही है।

सूत्र ने बताया कि आधार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आंतरिक विचार-विमर्श के कई दौर चलने के बाद यह महसूस किया गया कि सरकार को फिलहाल सेक्शन 57 वापस लागू करने पर विचार नहीं करना चाहिए।

हालांकि कोर्ट के आदेश ने सरकार के लिए यह गुंजाइश भी रखी है कि वह आधार से जिस भी सेवा को जोड़ना चाहती हो, उसके लिए विशेष रूप से कानून बना सकती है। गौरतलब है कि इसी वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने आधार की वैधता को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने निजी कंपनियों के आधार मांगे जाने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था। कोर्ट के फैसले के मुताबिक केवल पैन कार्ड और सरकारी लाभ उठाए जाने की स्थिति में ही आधार की उपलब्धता अनिवार्य होगी।

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