(Pi Bureau)
लखनऊ
29 सितंबर को गोमती नगर में सिपाही के द्वारा एप्पल के मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या का मामला
81 दिन,1944 घंटे, वारदात की चश्मदीद के साथ आरोपी सिपाहियों के बयान पर क्राइम सीन क्रिएशन, वैज्ञानिक सुबूत, कॉल डिटेल, मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी को खंगालने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस में सीबीआई की तर्ज पर अकाट्य सबूतों के साथ विवेक तिवारी हत्याकांड में एसआईटी ने आईजी सुजीत पांडे के नेतृत्व में चार्जशीट दाखिल की,जिसमें प्रशांत चौधरी को विवेक तिवारी की हत्या का सीधे दोषी माना जबकि दूसरा सिपाही संदीप कुमार जो कि बाइक पर पीछे बैठा था, को एसआईटी ने दी क्लीन चिट दी।
एसआईटी ने जांच पूरी कर उत्तर प्रदेश पुलिस की काबिलियत और निष्पक्षता को किया साबित
इसके साथ ही एसआईटी ने धोखे से गोली चलने की थ्योरी को खारिज किया और माना कि प्रशांत चौधरी ने जानबूझकर गोली मारी थी ।सिपाहियों के द्वारा टक्कर मारकर कुचलने की थ्योरी को भी किया एसआईटी ने खारिज किया ।
बाइक पर पीछे बैठे सिपाही संदीप कुमार ने प्रशांत को रोकने की कोशिश की लेकिन 40 सेकंड से भी कम वक्त में प्रशांत चौधरी ने विवेक तिवारी की हत्या को अंजाम दे दिया।
एसआईटी के मुताबिक,प्रशांत चौधरी ने विवेक तिवारी को रोकने के लिए सरकारी पिस्टल का लॉक खोला, पिस्टल लोड कर तब मारी थी गोली।
डायरेक्शन, डिग्री,एंगेल और हाइट ऑफ फायर के आधार पर एसआईटी ने प्रशांत चौधरी को विवेक तिवारी की हत्या का सीधे आरोपी ठहराया ।
वारदात से पहले मिले सीसीटीवी के आधार पर एसआईटी ने वारदात होने के वक्त का निकाला और संदीप को दी हत्या में क्लीन चिट,सिर्फ सना को डंडा मारने का संदीप को दोषी पाया ।
एसआईटी ने अनुभवों के आधार पर प्रदेश के सबसे सनसनीखेज हत्याााकांड में वैज्ञानिक सबूतों को जुटाकर एक सिपाही दोषी तो दूसरे को मिली क्लीन चिट दी ।