केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि वह भारतीय रिजर्ब बैंक (आरबीआई) के कामकाज से संतुष्ट है तथा हाल के वर्षो में इसका पर्यवेक्षण एवं विनियमन सुदृढ़ हुआ है। लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह बात कही।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार आरबीआई के कामकाज से संतुष्ट नहीं है, वित्त मंत्री ने कहा, ‘जी, नहीं।’ मंत्री ने बताया कि आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड के गैर सरकारी निदेशकों को आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 8 के उपबंधों के अनुसार नामित किया जाता है।
लोकसभा में पिनाकी मिश्रा के प्रश्न के लिखित उत्तर में जेटली ने कहा कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों के पूर्णकालिक निदेशकों और वरिष्ठ प्रबंधकों के द्वारा दी गई सिफारिशों के आधार पर सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बोर्ड के अनुमोदन के अनुसार समुचित कार्रवाई के लिये एक सुधार एजेंडा भेजा गया था।
उन्होंने बताया कि इस एजेंडा में अन्य बातों के साथ-साथ प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता तथा व्यवहार्यता के आधार पर लागत को कम करने एवं विदेशी बाजारों में समन्वय हेतु विदेशी परिचालनों को युक्तिसंगत बनाना एवं बैंक की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त का लाभ उठाने हेतु अलग-अलग बैंकिंग कार्य नीति शामिल है। इसमें सुदृढ़ क्षेत्रीय सम्पर्क के लिये शाखा नेटवर्क के युक्तिकरण को शामिल किया जा सकता है।