यूपी की बुआ और भतीजा दिखेंगे एक मंच पर !!!

(Pi Bureau)

 

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के लंच पर आमंत्रित गैर भाजपाई दलों के एक साथ आने पर यह उम्मीद बनती जा रही है कि पटना में होने वाली आरजेडी की संयुक्त रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एक साथ एक मंच पर देखे जा सकते है । शुक्रवार को दिल्ली में सोनिया गांधी की अगुआई में हुए लंच के दौरान हुई मीटिंग में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी-विरोधी पार्टियों का गठबंधन बनाने के लिए दोनों नेताओं को एक साथ आने को कहा। समाजवादी पार्टी के वरिष्ट नेता और सांसद नरेश अग्रवाल ने अगले दिन इसकी पुष्टि करते हुये कहा कि लंच में सभी बीजेपी-विरोधी पार्टियों ने साझा रैलियां करने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी का सामना करने के लिए एक संयुक्त विपक्ष मौजूदा वक्त की जरूरत है।’

 

 

बताते चले आगामी 27 जून को आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव पटना के गाँधी मैदान में एक संयुक्त रैली करने जा रहे है , जिसके लिए वह गैर भाजपाई दलों से लगातार संपर्क में है । सांसद नरेश अग्रवाल ने बताया कि पटना रैली के बाद उत्तर प्रदेश में भी एक गैर भाजपाई दलों की रैली आयोजित की जाएगी ।बता दें , पिछले दिनों बसपा सुप्रीमो ने ‘विपक्षी एकता की बात पर जोर दिया था ‘,  और कहा था वह गैर भाजपा दलों के साथ सौ प्रतिशत साथ खड़ी रहेगी ।

 

 

 

अखिलेश मायावती की साझा रैली 2019 के आम चुनाव में भाजपा को बढ़ी चुनौती पेश कर सकते है , और सूबे के दलिती और पिछडो को एक बार फिर इस गठबंधन तले जोड़ सकते है । यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी से बुरी तरह हारने के बाद से ही मायावती और अखिलेश के एक साथ आने का अनुमान लगाया गया था। खबर के मुताबिक, लालू यादव और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी कुछ समय से मायावती और अखिलेश को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।

 

बता दें , बाबरी मस्जिद गिरने के बाद भाजपा को रोकने के लिए 1993 में दोनों दल एक साथ आये थे । उसके बाद हुये गेस्ट हाउस कांड के बाद दोनों दलों के बीच दूरियां और तल्खी बढती चली गयी ।

 

 

 

 

 

 

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