(Pi Bureau)
लखनऊ : भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि सावरकर एक महान राष्ट्रभक्त, अद्वितीय स्वतंत्रता सेनानी, अद्भुत समाज सुधारक, महान लेखक, भाषा शास्त्री, अनुकरणीय युगदृष्टा और हिन्दू संस्कृति के प्रखर समर्थक थे श्री तिवारी रविवार को सरोजनीनगर स्थित विक्रमशिला स्कूल में आर्य समाज द्वारा भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी और प्रखर राष्ट्रवादी वीर सावरकर की 134 वी जयंती के अवसर आयोजित जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। पूर्व भाजपा प्रदेश मंत्री श्री तिवारी ने कहा कि सावरकर के मन, वचन, समर्पण, त्याग और कर्म में केवल भारत की आजादी थी, अंग्रेजी हुकूमत की पराधीनता के विरुद्ध जहाज से अनंत सागर में स्वतंत्रता की छलांग लगाई थी उन्होंने कहा की करोड़ों राष्ट्रभक्तों में ढूंढने पर ही शायद एक सावरकर मिलेगा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विनायक दामोदर सावरकर एक व्यक्ति नहीं है अपितु एक विचार, एक चिंगारी थे, उन्होंने कहा की जब कोई अन्याय के विरुद्ध लड़ाई के मैदान में कूदेगा, जीवन के बलिदान की बेला आएगी, मातृभूमि की खोयी हुई स्वाधीनता को प्राप्त करने का क्षण आएगा तो उसमे वीर सावरकर जी का प्रमुख स्थान रहेगा। उन्होंनें कहा कि सावरकर एक प्रख्यात समाज सुधारक थे। उनका दृढ़ विास था, कि सामाजिक एवं सार्वजनिक सुधार बराबरी का महत्त्व रखते हैं व एक दूसरे के पूरक हैं। उनके समय में समाज बहुत सी कुरीतियों और बेड़ियों के बंधनों में जकड़ा हुआ था। इस कारण हिन्दू समाज बहुत ही दुर्बल हो गया था। अपने भाषणों, लेखों व कृत्यों से इन्होंने समाज सुधार के निरंतर प्रयास किए। हालांकि यह भी सत्य है, कि सावरकर ने सामाजिक कायरे में तब ध्यान लगाया, जब उन्हें राजनीतिक कलापों से निषेध कर दिया गया था। किंतु उनका समाज सुधार जीवन पर्यन्त चला। उनके सामाजिक उत्थान कार्यक्रम न केवल हिन्दुओं के लिए बल्कि राष्ट्र को समर्पित होते थे।