अमरनाथ यात्रा पर हो सकता है कश्मीरी पत्थरबाजों का हमला , पड़ेगी बुरहान वानी की बरसी !!!

(Pi Bureau)

 

नई दिल्ली : आज से ठीक एक महीने बाद जून 29 में भगवान् शंकर के भक्त देश के विभिन्न हिस्से से अमरनाथ यात्रा के लिए प्रस्थान करेंगे.  बालटाल और पहलगाम इस यात्रा के दो बड़े पड़ाव है जहाँ कैंप चलता और भंडारा चलता रहता है . एक मार्ग बालटाल से अमरनाथ गुफा को जाता है जो तक़रीबन 16 किलोमीटर लम्बा है , दूसरा मार्ग पहलगाम से जाता है जो 22 किमी लम्बा है. यात्रा पूरे सावन भर चलती है , पर इस बार इस पवित्र यात्रा को लेकर ख़ुफ़िया  एजेंसियां और सेना अलर्ट पर हैं. इसकी प्रमुख वजह ये भी है कि यात्रा के दौरान हिजबुल मुजाहिद्दीन के पोस्टर ब्वॉय रहे बुरहान वानी की पहली बरसी भी पड़ेगी. सुरक्षा बलों ने पिछले साल 8 जुलाई को बुरहान वानी को मार गिराया था. और बीते शनिवार को बुरहान के दोस्त और हिजबुल कमांडर सब्जार भट्ट को . पुलिस , सेना और ख़ुफ़िया एजेंसियां को यही डर है की उपद्रवग्रस्त कश्मीर इस पवित्र यात्रा में पत्थरबाजों को आगे कर किसी घटना को अंजाम दे सकता है .

 

बताते चले , हिजबुल कमांडर सबजार भट की मौत के बाद एक बार फिर घाटी में तनाव है. ठीक एक महीने बाद अमरनाथ गुफा में दर्शन के लिए लाखों शिवभक्त वहां से गुजरेंगे. गृहमंत्रालय ने इसके लिए खास तैयारी के निर्देश दिए हैं. गृहसचिव ने खुद अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. इसके लिए 27 हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती की जाएगी. पिछली साल अमरनाथ यात्रा 48 दिनों की थी जिसे 8 दिन घटा दिया गया था.

 

गृह मंत्रालय के सलाहकार अशोक प्रसाद ने कहा, इस बार घाटी में अमरनाथ यात्रियों को आतंकवादियों के अलावा पत्थरबाजों से भी खतरा है. सभी तरह के खतरे को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. गौरतलब है कि वानी के एनकाउंटर के बाद अब तक घाटी में कुल 100 लोग मारे जा चुके हैं.

 

सेना में मौजूद सूत्रों के अनुसार, इस समय घाटी में 150 से ज्यादा विदेशी आतंकवादी मौजूद हैं और इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी आतंकियों की भर्ती की गई है और उनकी संख्याृ अब तकरीबन 250 हो गई है.

 

अमरनाथ यात्रा ऐसे समय में शुरू होगी जब सेना और चरमपंथियों के बीच पत्थरबाजी और हिंसा को तकरीबन एक साल पूरा होने को है. प्रदर्शनकारी 8 जुलाई यानी बुरहान वानी की पहली बरसी के दिन कितना और कैसे हिंसक होंगे इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियों की परेशानी बढ़ी हुई है.

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