जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2019 नजदीक आ रहा हैै, वैसे-वैसे नेता कभी बदजुबानी के जरिये विपक्षी पार्टियों पर हमला बोल रहे हैं, तो कभी पोस्टर-बैनरों के जरिये यही काम हो रहा है। इस कड़ी में हर राजनीतिक पार्टी आगे है। पिछले कई सालों से चुप्पी साधे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लगता है मोर्चा संभाल लिया है, तभी तो वे अपने बयान-कटाक्ष के जरिये केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जमकर हमले बोल रहे हैं।
सोमवार को एक बार फिर सीधे पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा- ‘मोदी सरकार ने दिल्ली में स्कूल बनने से रोके। लड़-झगड़कर चार साल बाद आज 11,000 कमरे बनने शुरू हुए। आपको सोचना है कि आप अपने बच्चों से प्यार करते हो या मोदी जी से। बच्चों से प्यार करते हो तो AAP को वोट देना। मोदी जी को वोट दोगे तो वो फिर से आपके बच्चों के स्कूल बनने से रोकेंगे।’
माता-पिता को दिखाया लाइव भाषण
यहां पर बता दें कि दिल्ली के शिक्षा विभाग ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसके तहत स्कूलों में बच्चों और उनके माता पिता को केजरीवाल के सोमवार के भाषण का लाइव वीडियो दिखाया गया। कुछ शिक्षकों का कहना है कि यह तो शिक्षा का राजनीतिकरण है। उसमें AAP सरकार अपना प्रचार कर रही है। यही नहीं केजरीवाल ने कहा कि क्या मोदी ने शिक्षा में ऐसा किया?
इससे पहले एक और ट्वीट में आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया ने भाजपा पर हमला करते हुए लिखा- ‘मोदी भक्त कभी देश भक्त नहीं हो सकता और देश भक्त कभी मोदी भक्त नहीं हो सकता। अब समय आ गया है – आपको तय करना होगा कि आप देशभक्त हो या मोदीभक्त?’
यहां पर बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इस साल के अंत तक कक्षाओं की संख्या काफी बढ़ जाएगी। सरकार जल्द ही 11 हजार कमरे बनाने का काम शुरू करने जा रही है। सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निर्माणा के लिए शिलान्यास भी किया।।
दिल्ली सरकार पिछले चार साल से शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है। यही कारण है कि कुल बजट का लगभग एक चौथाई हिस्सा शिक्षा को आवंटित किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में 16 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। इनमें से अधिकतर बच्चों के पास बैठने के लिए कमरे नहीं थे, जिस कारण इन्हें खुले में बैठकर या एक ही कक्षाओं में 150 बच्चों को बैठना पड़ रहा था। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने अतिरिक्त कक्षाओं को बनाने का फैसला लिया।
वर्ष 2015 में कमरों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव पास हुआ और लगभग आठ हजार नए कमरे बनाए गए। उन्होंने कहा कि 11 हजार कमरे बनाने का काम जल्द शुरू होगा और जल्द ही एक हजार और कमरे के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 से अब तक आठ हजार कमरे बनाए गए हैं। वहीं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि सरकारी स्कूलों में इस तरह के 8 हजार से ज्यादा नए क्लासरूम बनाए जा चुके हैं। 11 हजार का निर्माण शुरू हो रहा है और एक हजार के लिए टेंडर किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि 2015 में सरकारी स्कूलों में कुल 17 हजार टूटे-फूटे कमरे थे। अब शानदार 25 हजार कमरे हैं जो इस साल के अंत तक 37 हजार हो जाएंगे।